Wednesday, July 29, 2009

जो हुआ सो हुआ .............. बस अब करो सलामती की दुआ

बेमौसम की गर्मी और सूखी हवा
मुरझाये से खडे हैं जो ये पेड जवां
ढूँढ रहे हैं शायद उस शख्स को ,
जो उनकी हालत को कर सके बयाँ
कि दिया है जहर हमने ही उन्हें
हर तरफ़ और हर तरह से ,
उगलकर के धुआँ
माँग रहे है हमसे ही अब मदद
कि लाकर दो दवा ,
या सलामती की करो दुआ ! ! !

5 comments:

अनिल कान्त said...

achchhi rachna ...sahi kaha aapne

M VERMA said...

जी हा कभी कभी दवा देने वाले को भी दवा की और कभी कभी दुआ की ज़रूरत पड जाती है.

Anonymous said...

sunder abhivyakti

Birds Watching Group said...

visit to the blog for environment concern

ओम आर्य said...

bahut hi khub kahi aapane ....atisundar