Monday, April 26, 2010

इस समस्या का हल सुझाएं.............


विशेष -----यह पोस्ट सिर्फ़ हिन्दी लेखन में होने वाली मात्रा संबंधित अशुध्दियों के बारे में है -------अगर हम हिन्दी का प्रसार चाहते हैं तो ..........

(वैसे तो अंग्रेजी शब्दों के जाने से इस हिन्दी को शुद्ध नहीं कहा जा सकता )पर फ़िर भी ...............

आज एक बात पूछना चाहती हूँ--------मेरी एक बुरी आदत के कारण इन दिनों मै परेशान हूँ..........ज्यादा तो मै पढती नहीं ........पर जितना भी पढती हूँ उसमें ----------जहाँ भी गलती देखी नहीं कि बस लगी सुधारने ......मान तो सब लेते हैं पर कभी -कभी सुधारते नहीं .................एक बारगी लगता भी है कि नहीं बताऊं..........किसी को बुरा लग सकता है ... पर अपनी इस आदत से लाचार हूँ .......वैसे मुझसे भी गलतियाँ होती रहती है ......(मुझे कोई बताता ही नहीं )....पर कोई गलती करे और हम देखते रहें ये भी तो ठीक नहीं ???

"
गलतियाँ मालूम हो जाने पर अपनी आदतें सुधार लेना चाहिए ऐसा मेरे बडों ने मुझे सिखाया है ..........इससे अपना विकास ही होता है "--------.(ये हर तरह से होने वाली गलतियों पर लागू होता है )......

एक चिन्ता भी लगी रहती है कि
ब्लॉग (ब्लॊग --इसे समीर जी की टिप्पणी से लेकर ठीक किया है ....)कैसे टाईप होगा ?नहीं मालूम ) तो दुनिया भर के लोग पढते हैं ........और.......... हिन्दी - लेखन में अगर अशुद्धियाँ होती हैं तो जिन्हें हिन्दी आती है, वे तो समझ लेते है पर जिन्हें नहीं आती वे उसी को सही मान लेते हैं.......................कभी -कभी तो मात्रा की अशुद्धियाँ होने पर अर्थ ही बदल जाता है। .......... ऐसे तो हिन्दी- लेखन भी अशुद्ध होते जाएगा ...................
तो मुझे बताईए क्या मै अशुद्धियाँ बताना जारी रखूँ या बन्द कर दूँ ?????

20 comments:

राज भाटिय़ा said...

जारी रखे जी, हम भी कभी कभार गलतियां बता देते है, लेकिन सब से ज्यादा हमीं करते है गलतियां भी

दिलीप said...

Archana ji..peshe se ek system engineer hun...Infosys me...aaj kal bahut kam waqt mil pata hai blog par aane ka...jitna mil pata hai rachnayein padhne me lagata haun...kyunki Hindi likhne walon ka protsahan bhi hote rehna chahiye...bas isi wajah se aksar matra sambandhi trutiyan ho jaati hain....abhar hai aapka jo aap waqt nikaal kar iska bodh karwati hain...apka bahut shukrgujaar hun...yakeen maniye is baat ka kisi bhi Hindi premi ko bura nhi lag sakta...kripya apna ye karya jaari rakhein...kam se kam ye to pata chalta hai..ki kuch log bas Sundar prastuti kehkar hi gayab nahi ho jate..kuch padhte bhi hain...;)

Anonymous said...

जारी रखिए

कोई बुरा माने तो उसके हाल पर छोड़ दें

कोई ज़्यादा बुरा-भला कह दे तो ब्लॉगिंग छोड़ने का निर्णय ना लें

वैसे मैं देख चुका और अनुभव है कि सार्वजनिक रूप पर (वर्तनी की) गलतियाँ बताए जाने पर अधिकतर ब्लॉगर हत्थे से उखड़ जाते हैं

आप बस उस साधु व बिच्छू की कथा याद रखिए और नेकी कर दरिया में डाल वाली कहावत भी

Anonymous said...

और हाँ
यह अ- अ+ वाला विज़ेट हटा लें। इसकी मूल स्क्रिप्ट समाप्त हो चुकी, यह निष्क्रिय है। जिसके कारण ब्लॉग खुलने में बहुत समय लेता है

Manish Kumar said...

bilkul jaari rakhein. kayi baar posts mein typing ke dauraan ghaltiyan ho jati hain aur kabhi hum aadatan hi ghaltia karte hain. donon hi dashaon mein sudhar juroori hai.

Udan Tashtari said...

जारी रखो जी...जिसे सुनना होगा, सुन लेगा. वैसे ब्लॊग को ब्लॉग लिखना भी शुरु कर दो. :)

Archana Chaoji said...

@ दिलीप जी आपकी कविता "तिरंगा " अपनी आवाज मे रिकार्ड करके (माफ़ किजिएगा बिना अनुमति के सिर्फ़ अपने सुनने के लिए )आपको भेजी थी ...पता नहीं मिली या नहीं.......
@पाबला जी विजेट हटा दिया है .....धन्यवाद ।
@समीर जी यही तो .....अब बताईयेगा कैसे लिखूं? और ॠ की मात्रा भी .....

अजित वडनेरकर said...

आप इसे बंद कर देंगी तो ...निंदक नियरे राखिये वाली सीख बेमानी हो जाएगी।

हमें तो गलतियां बतानेवाले लोग पसंद हैं भई।

M VERMA said...

जरूर जारी रखें -- यह तो नेक काम है

Udan Tashtari said...

ऋ = Ru (अगर बारहा इस्तेमाल कर रही हो तो)

परमजीत सिहँ बाली said...

गलतीयां तो हम भी बहुत करते हैं..और सुझाव मिलने पर सुधारने की कोशिश भी करते हैं....आप अपना काम जारी रखे...

मनोज कुमार said...

ज़रूर बताइए ग़लतियां।

vandana gupta said...

अरे बताती रहिये…………………कभी तो सुधरेंगे।

निर्झर'नीर said...

जारी रखो जी...ये तो आपकी महानता और बड़प्पन है की आप किसी की गलतियों को सुधरने के लिए अपना कीमती वक़्त देती है

Smart Indian said...

अर्चना जी...........हम लोगों की............गलतियों की परिभाषा.............अलग-अलग हो सकती है.......नज़र पैनी रखिये...........शुभकामनाएं..............

संजय @ मो सम कौन... said...

जरूर बताईये जी। और एक अपनी शंका हम ही पूछ लेते हैं आपसे? जब हम किसी का वाक्य क्वोट करते हैं तो बाद वाला (") । या ? से पहले लगेगा या बाद में?

आभारी रहूंगा
snjnja@gmail.com

Arshad Ali said...

मुझे एक गुरु की ज़रूरत थी जो मेरी हिंदी थोड़ी सुधार दे..मुझे जयादातर लोग यही कहते हें की भाई जान हिंदी क्यों लिखते हो..आपका पोस्ट पढ़ कर मुझे ऐसा लगा की मेरी समस्यायों का अब हल मिल जायेगा..और आपसे कुछ सिखने को मिलेगा ..
गुरुदाक्षिना में आप जो मांगेगी वो आपको देने का एक सार्थक प्रयास ज़रूर करूँगा.

दिलीप said...

nahi mila...meri mail id pe bhej dijiye.. dileep.tiwari8@gmail.com

nilesh mathur said...

ज़ारी रखिये!

Himanshu Pandey said...

जारी रखिए ! जो भी सुधर सकेगा, उपलब्धि होगी !