Thursday, July 15, 2010

आज .............................सुनने का मन है बस..................इसलिए.............................................

आज एक बहुत पुराना गीत याद आ रहा है .....मै  सुन रही हूँ.....................शायद आप भी सुने ........

4 comments:

M VERMA said...

बहुत खूबसूरत गीत्

बाल भवन जबलपुर said...

वाह क्या बात

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

यह तो बहुत ही बढ़िया गीत है!

संजय भास्‍कर said...

.....खूबसूरत गीत्