Thursday, January 21, 2016

बधाई हो

नेहा ,मेरी बहू मेरे घर की पहली सदस्य जो पी एच डी करके डॉक्टर बनी  है।
शादी अंतर्जातीय और अंतराज्यीय है , प्रेम होने पर ऑरेन्ज मैरिज !
जब 2012 में शादी करना तय हुआ तो उसे चिंता थी कि पढ़ाई करने देंगे या नहीं ससुराल से ,लेकिन मेरे परिवार में जब तक ,जिसे पढ़ना हो पढ़ते रह सकता है,ये पारिवारिक नियम है ।
शादी के दो माह पहले ही जॉब का ऑफर मिला बेटे को मैसूर से ,दोनों की दिशा एकदम विपरीत हो गई , एक जगह से दूसरी जगह रांची पहुँचना आसान नहीं,सफर समय लेने वाला और थका देने वाला खैर !समय पूरा हुआ और पढ़ाई भी ...
इस वर्ष डॉक्टर की डिग्री मिल जानी थी मगर तकनीकी खामियों के कारण कन्वोकेशन में नाम शामिल नहीं किया गया उसका नाम ...
खैर! जो होता है अच्छे के लिए होता है में मैं विश्वास करती हूँ ।
अब नेहा डॉक्टर है और हम सबको उस पर गर्व है ,आप सब भी आशीष दें कि आगे वो वही कर पाए जो उसका मन कहे ।
19 जनवरी को शादी की चौथी वर्षगाँठ मनाई ऑनलाइन !☺

Monday, January 18, 2016

सालगिरह

चौथी वर्षगाँठ

बहुत से उतार-चढ़ाव पार हुए
बहुत से कर पाएंगे
आपके आशीष से

Tuesday, January 5, 2016

स्कूल का आखरी दिन


               उपप्रधानाचार्या श्रीमती शैला जैन ने धन्यवाद कुछ इस अन्दाज में किया .... बहुत कुछ सीखा इनसे .... आभार

और ये प्रधानाचार्या श्रीमती नलिनी पाल जी सर्टीफिकेट-
मैडम की ॠणी रहूँगी ....
 इसलिए कि मुझे मौका दिया, मुझमें विश्वास दिखाया ,और मुझे आत्मविश्वास जगाया .... आज जो भी हूँ ,जैसी भी हूँ आपके सामने, इनके द्वारा नौकरी के प्रस्ताव दिये जाने के कारण ही हूँ ....
धन्यवाद !



1)

आज स्कूल का आखरी दिन ..... 
ये उन बच्चों के लिए सूचना है...जो ये कहते रहे कि अब तक स्कूल में हैं आप ! ......
बहुत प्यार दिया बच्चों ने ...बहुत याद आएंगे ... 
खासकर मेरे खो-खो खिलाड़ी .... 
अभिनन्दन तमाम खिलाडि़यों का जो जिन्दगी को जीवन्त बनाए रखते हैं , चोट सहकर भी खेल और खेल के मैदान को प्यार करते हैं ......


2)
आज स्कूल के आखरी दिन बच्चों का गेम्स पिरीयड लेते हुए उन्हें बताया नहीं कि ये आखरी पिरीयड उनके हिस्से आया है ..... डर गई ----कि उनके क्यों का कोई जबाब नहीं था मेरे पास ..... 


3)
स्कूल के आखरी दिन तीन छात्राओं को प्रार्थना के बाद मेरे सामने लाया गया ,शिकायत थी कि प्रार्थना के समय बात कर रही थीं और अजीब सी हेअर स्टाईल बनाकर आई है स्कूल के नियम के विरूद्ध ....
कक्षा नौंवी की छात्राएं थी ,दो प्रायमरी से इसी स्कूल में पढ़ती हैं और एक का नया प्रवेश था इसी साल .... 
मैंने सिर्फ़ इतना पूछा कि क्या हुआ ? तीनों ने सॉरी कह दिया .... तब उन्हें ये समझाना पड़ा कि सॉरी सिर्फ़ शब्द नहीं ,अपनी पॉवर है ...कभी इस्तेमाल न करना पड़े, ऐसा काम करना चाहिए ....सॉरी बोलते हुए सिर नीचे झुक जाता है ,जो शर्मनाक है ...और अपनी गलती पर कभी अपने माता-पिता का सिर झुका तो वो और भी शर्म की बात होती है अपने लिए .... 
आज कतार से बाहर निकाला गया,जिसे सारे छोटे-बड़े बच्चों ने ,शिक्षकों ने देखा ,उन्होंने भी जो आपके मित्र हैं और उन्होंने भी जो आपको जानते नहीं .....
जो बातें आपको नहीं करनी चाहिए वो आप करती हो और जो करनी चाहिए वो नहीं .... 
उन्हें बताया कि पूरे साल मैंने आपको कभी कुछ नहीं कहा और आज मेरे स्कूल के अन्तिम दिन आप मेरे सामने इस तरह आई हो...
वे चौंकी ..... 
उनकी आंखे नम थी ....

Saturday, January 2, 2016

पचपन में भी बचपन

नये साल पर माँ ने चेताया कि अनजाने लोगों से ज्यादा मत मिला कर,और अकेले तो बिलकुल ही मत मिला कर .....
आजकल अखबार में बहुत -सी खबरें आती है .... जानने वाले ही धोखा दे देते हैं ....
माँ चिंतित है, मेरे अकेलेपन के कारण ....और समझ नहीं पाई हूँ मैं उन्हें अब तक ....बहुत डरती है वे............मुझे निडरता का पाठ पढ़ाते हुए ....
मैं जानती हूँ ,मेरे बच्चे भी मेरे बारे में यही कहते हैं ....
वे चिंतित रहती हैं ये कहते हुए भी कि बस! अब बहुत हुआ नौकरी करना ...अब आराम कर ...अब सब हो गया ....जबकि मेरे बाहर से आने पर पानी का गिलास आज भी ले आती है अपने हाथों में .......
और उन्हें चिंता मुक्त करने के लिए मैंने निर्णय ले लिया कि अब आराम ही करूँगी ... उनके साथ कुछ दिन रहूँगी ....
और मेरे ये कहने पर कि बंगलौर जाने से पहले यहाँ इन्दौर में रहने वाले अपने कुछ परिचितों (फ़ेसबुक परिचितों)से मिलना चाहती हूँ ...उन्होंने मुझे चेताया ....
मुझे याद आई अपनी ही कहानी "मुनिया का बचपन" ....

अब बेटी पचपन और माँ अठहत्तर की होने आई हैं ....
कितनी प्यारी होती है माँ ....
उसकी गोद में सारे दर्द दूर हो जाते हैं और उसका हाथ माथे पर घूमते ही उम्र पचपन की होने पर भी बचपन की ही रहती है ......