Wednesday, August 8, 2012

सुख और दु:ख के कीमती पल...

जीवन में,
सुखों और दुखों
के बीच
बिताए सुहाने पलों की खुमारी
वाईन की खुमारी से बेहतर है

ऐसा नशा चढ़ता है कि
होश ही नहीं रहता
कभी देखे हैं तुमने
जीवन के इंद्र धनुषी रंग...
इनसे बिछड़कर जाने का
मन नहीं होता कभी
सारी रंगीन तसवीरें
साफ़ जो होती है..
आईने की तरह..
चमकती है --
धूप की तरह...
-अर्चना


6 comments:

Ramakant Singh said...

happyness and sad moments are the beautiful shadow of the life which inspire us live better and better.

प्रवीण पाण्डेय said...

सुख दुख के बीच बढ़ता सारा जीवन..एक अजब सा नशा है इस उतार चढ़ाव में।

Bhawna Kukreti said...

jeevan indradhanush hi to hai :)

शारदा अरोरा said...

bahut badhiya...

Shanti Garg said...

बहुत ही बेहतरीन और प्रभावपूर्ण रचना....
जन्माष्टमी पर्व की शुभकामनाएँ
मेरे ब्लॉग

जीवन विचार
पर आपका हार्दिक स्वागत है।

Akash Mishra said...

अच्छी रचना |

-आकाश