tag:blogger.com,1999:blog-1692951887777766851.post5556167846708220633..comments2024-03-01T13:45:26.657+05:30Comments on मेरे मन की : दास्तान - ए - आशू दा ....Archana Chaojihttp://www.blogger.com/profile/16725177194204665316noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-1692951887777766851.post-22313454775083701722013-05-12T20:12:32.971+05:302013-05-12T20:12:32.971+05:30
प्रकाश गोविन्द जी की यह कहानी पूर्व में पढ़ चुका ...<br />प्रकाश गोविन्द जी की यह कहानी पूर्व में पढ़ चुका हूँ, कहानी अच्छी बन पड़ी है आपने अपनी आवाज़ देकर और भी बेहतर बना दिया।दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1692951887777766851.post-73226227519951477132013-05-12T19:10:45.636+05:302013-05-12T19:10:45.636+05:30बहुत अच्छा लगा इस कहानी को सुनना। सुनाने के लिये श...बहुत अच्छा लगा इस कहानी को सुनना। सुनाने के लिये शुक्रिया।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1692951887777766851.post-33511532024088700372013-05-12T14:53:04.102+05:302013-05-12T14:53:04.102+05:30हम भी जाकर यह ब्लॉग पढ़ते हैं।हम भी जाकर यह ब्लॉग पढ़ते हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1692951887777766851.post-5456471025499184332013-05-11T15:10:20.827+05:302013-05-11T15:10:20.827+05:30आज भी ऐसे अनोखे जीव विचरण करते है हमारे इर्द गिर्द...आज भी ऐसे अनोखे जीव विचरण करते है हमारे इर्द गिर्द ये बात अलग है की हम उनकी कीमत जान नहीं पाते जब जानते हैं समय निकल जाता है .. आपने मेरे पिता श्री जीत की कहानी पढ़ दी अंतर इतना है की वो उम्र भर मशीनों में व्यस्त रहे आज उनके न रहने पर उनका महत्व समझ आता है <br />सुन्दर वाचन और भागीदार बनाने के लिए प्रणाम ** आपने आँखें भीगी कर दी Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.com