tag:blogger.com,1999:blog-1692951887777766851.post7125363029447922441..comments2024-03-01T13:45:26.657+05:30Comments on मेरे मन की : घर से बाहर निकलो ...Archana Chaojihttp://www.blogger.com/profile/16725177194204665316noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-1692951887777766851.post-44575510567304083772012-11-26T22:37:14.801+05:302012-11-26T22:37:14.801+05:30घर से बाहर निकलना बहुत जरुरी हैं |
बहुत सुंदर रचना...घर से बाहर निकलना बहुत जरुरी हैं |<br />बहुत सुंदर रचना ....<br />OCEAN is in a drop but d drop can not claim to be D Ocean ....<br />इसे आदमी की बदनसीबी कहो ,या कि उसकी सीमा ;<br />खुदा बन्दे में है , मगर वो खुदा नहीं हो सके ,कभी भी<br />खुदी को बुलंद कर सकता है , खुदा तक ,बेशक ;<br />समंदर कतरे में है , मगर , कतरा समंदर तो नहींDr ajay yadavhttps://www.blogger.com/profile/17231136774360906876noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1692951887777766851.post-26896860145444243652012-11-26T22:37:00.629+05:302012-11-26T22:37:00.629+05:30घर से बाहर निकलना बहुत जरुरी हैं |
बहुत सुंदर रचना...घर से बाहर निकलना बहुत जरुरी हैं |<br />बहुत सुंदर रचना ....<br />OCEAN is in a drop but d drop can not claim to be D Ocean ....<br />इसे आदमी की बदनसीबी कहो ,या कि उसकी सीमा ;<br />खुदा बन्दे में है , मगर वो खुदा नहीं हो सके ,कभी भी<br />खुदी को बुलंद कर सकता है , खुदा तक ,बेशक ;<br />समंदर कतरे में है , मगर , कतरा समंदर तो नहींDr ajay yadavhttps://www.blogger.com/profile/17231136774360906876noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1692951887777766851.post-68652206403006162452012-11-03T12:30:37.003+05:302012-11-03T12:30:37.003+05:30एकदम सही !
~सादर !एकदम सही ! <br />~सादर !Anita Lalit (अनिता ललित ) https://www.blogger.com/profile/01035920064342894452noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1692951887777766851.post-81854560272391518912012-11-03T11:07:52.140+05:302012-11-03T11:07:52.140+05:30घर से बाहर की दुनियां बस कुछ ऐसी ही उलझने लेकर चलत...घर से बाहर की दुनियां बस कुछ ऐसी ही उलझने लेकर चलती है और मन कह उठता है <br />"घर से बाहर निकलो ..."Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1692951887777766851.post-78299701304704632222012-11-02T20:35:01.183+05:302012-11-02T20:35:01.183+05:30बहुत खूबसूरत कविता है अर्चना.. बहुत ही गहरी संवेदन...बहुत खूबसूरत कविता है अर्चना.. बहुत ही गहरी संवेदनाएं.. जानती हो, पढते हुए जिनका ख्याल सबसे पहले आया वो हैं निदा फाज़ली साहब.. उनकी एक नज़्म के चंद टुकड़े, तुम्हारी नज़्म के लिए:<br />उठ के कपड़े बदल <br />घर से बाहर निकल <br />जो हुआ सो हुआ॥<br /><br />जब तलक साँस है <br />भूख है प्यास है <br />ये ही इतिहास है<br />रख के कांधे पे हल <br />खेत की ओर चल <br />जो हुआ सो हुआ॥<br />चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1692951887777766851.post-60750239020103716582012-11-02T16:31:07.942+05:302012-11-02T16:31:07.942+05:30करवाचौथ की हार्दिक मंगलकामनाओं के साथ आपको सूचित क...करवाचौथ की हार्दिक मंगलकामनाओं के साथ आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-<br />आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (03-11-2012) के <a href="http://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow">चर्चा मंच</a> पर भी होगी!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1692951887777766851.post-77340138208471556402012-11-02T09:02:59.999+05:302012-11-02T09:02:59.999+05:30गहरी संवेदनायें उभारती प्रस्तुति..गहरी संवेदनायें उभारती प्रस्तुति..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1692951887777766851.post-43331390914222998412012-11-02T08:45:54.581+05:302012-11-02T08:45:54.581+05:30सही है ..
सुंदर प्रस्तुतिसही है ..<br />सुंदर प्रस्तुतिसंगीता पुरीhttp://www.gatyatmakjyotish.comnoreply@blogger.com