ऐसी कोई लाइने नही है मेरे पास ,
जिनमे हो कुछ अलग या कुछ खास,
पता नही लोग ऐसा क्या लिख देते है,
जिसे पढ़कर सब उन्हें कवि कहते है,
आज तक नया कुछ नही पढने में आया है
जो माता -पिता ने बताया वही सबने दोहराया है,
शायद इसलिए,क्योकि जब वे कहते है,
तब समय रहते हम उन्हें नही सुनते है,
उनके "जाने" के बाद,परिस्तिथियों से लड़कर ,
या डरकर ,हम उन्हें याद करके ,
अपना सिर धुनते है।
मैंने भी उन्हें सुना और उनसे सीखा है ,
और अपने अनुभवों को आधार बना कर फ़िर वही लिखाहै ---
१.सदा सच बोलो।
२.सबका आदर करो।
३.बिना पूछे किसी की चीज को मत छुओ।
४.किसी को दुःख मत दो।
५.समय पर अपना काम करो।
६.रोज किसी एक व्यक्ति की मदद करो।
७.अपने हर अच्छे कार्य के लिए ईश्वर को धन्यवाद् दो और बुरे के लिए माफ़ी मांगो।
जिनमे हो कुछ अलग या कुछ खास,
पता नही लोग ऐसा क्या लिख देते है,
जिसे पढ़कर सब उन्हें कवि कहते है,
आज तक नया कुछ नही पढने में आया है
जो माता -पिता ने बताया वही सबने दोहराया है,
शायद इसलिए,क्योकि जब वे कहते है,
तब समय रहते हम उन्हें नही सुनते है,
उनके "जाने" के बाद,परिस्तिथियों से लड़कर ,
या डरकर ,हम उन्हें याद करके ,
अपना सिर धुनते है।
मैंने भी उन्हें सुना और उनसे सीखा है ,
और अपने अनुभवों को आधार बना कर फ़िर वही लिखाहै ---
१.सदा सच बोलो।
२.सबका आदर करो।
३.बिना पूछे किसी की चीज को मत छुओ।
४.किसी को दुःख मत दो।
५.समय पर अपना काम करो।
६.रोज किसी एक व्यक्ति की मदद करो।
७.अपने हर अच्छे कार्य के लिए ईश्वर को धन्यवाद् दो और बुरे के लिए माफ़ी मांगो।
अच्छी रचना |
ReplyDeleteकुछ जरुरी सीखों के मिश्रण के साथ |
-आकाश