मेरे मन की

न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"

Monday, March 24, 2025

बढ़ा हुआ हाथ

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कल शाम अपनी नातिन दित्सा को लेकर पास वाली कॉलोनी के बगीचे में गई थी. ये थोड़ा बड़ा बगीचा है. वहीं चार झूले और फिसलपट...
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Monday, March 3, 2025

नाटक- नई भोर

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कभी कभी जो हो जाता है वो अनूठा हो जाता है, ये नाटक भी ऐसा ही एक काम हुआ जो मेरी किस्सा ठेल की टीम ने कर दिखाया l पूरी टीम  बधाई की हकदार है ...
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Monday, December 2, 2024

अकेली हो?

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पति के गुजर जाने के बाद दिन पहाड़ से लगते हैं रातें हो जाती है लंबी से भी लंबी दूर तक नजर नहीं आती सूरज की कोई किरण मशीन बन जाता है शरी...
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Friday, February 2, 2024

ओ साथी मेरे

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मुझसे रुकने को कह चल पड़ा अकेले  सितारों की दुनिया में जा छिपा कहीं ... वादा किया था उससे -कहा मानूंगी राह तक रही हूँ ,अब तक खड़ी वहीं... वो अ...
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Sunday, December 24, 2023

देहांत जिसमें सिर्फ देह का अंत हुआ

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2 दिसंबर 1996 इन सत्ताईस सालों में एक पल भी ये दिन और  समय भूल नहीं पाई .... हादसों के घाव भरते नहीं कभी .... कितने ही मित्र बने ,अपने मिले,...
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Thursday, March 23, 2023

डॉक्टर बहना

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आलोकिता मेरी छोटी बहन के साथ पढ़ती थी।खूब ज्ञानी और पढ़ने में अव्वल आलोकिता का एक ही लक्ष्य था डॉक्टर बनना तब उसकी एक और बहन अनामिका उससे एक...
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Monday, November 21, 2022

मैराथन एक स्वप्न

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खेलों से लगाव और सतत जुड़े रहने के कारण मन में एक ईच्छा थी कि कभी मैं धावक के रूप में पहचान बनाऊं,ये इच्छा भी इसलिए दबी रही कि एथलेटिक्स में...
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मैं खुद...

Archana Chaoji
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