Sunday, December 21, 2008

सही है !!!

कागज बनता है बांस से ,
पानी का मोल है प्यास से ,
चुभन होती है -फांस से ,
उम्मीद बंधती है -आस से ,
जीवन चलता है- साँस से ,
जीवन में रस घुलता है -हास से ,
कुछ रिश्ते होते है -ख़ास से ,
खुशी होती है- अपनों के पास से,
और सम्बन्ध कायम रहते है
- विश्वास से ।

3 comments:

  1. kya kahu..?? apne apni bati hui jindagi ko is tarah jiya hai ki kabhi bhi kisi bhi hisse ko apke pyaar ki kami mehsus nahi hone di...

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