Friday, February 20, 2009

सत्य है !!!!!

एक जैसा दुःख मेरा तुम्हारा ,
मैंने खोया चाँद, तुमने तारा ,
मैंने खोयी खुशी ,तुमने हँसी ,
फ़िर भी हम दोनों को जीना है,
अपने आंसुओ को अकेले पीना है ,
यहाँ पर मै तेरे साथ , तू मेरे साथ है,
बाकी सब ऊपरवाले के हाथ है ,
वहां किसी के साथ कोई दगा नही होता ,
क्योकि ,ईश्वर और मौत का कोई सगा नही होता|

6 comments:

  1. रचना के भाव बहुत सुन्दर हैं।बधाई स्वीकारें।

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  2. ईश्वर और मौत का कोई सगा नही होता

    सच लिखा है आपने

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  3. वहां किसी के साथ कोई दगा नही होता ,
    क्योकि ,ईश्वर और मौत का कोई सगा नही होता|
    wah sashakt satya,sundar rachana badhai

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  4. //वहां किसी के साथ कोई दगा नही होता ,
    क्योकि ,ईश्वर और मौत का कोई सगा नही होता|//

    यही एक शाश्वत सत्य है! बाकी सब असत्य है!!:)

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  5. सही लिखा औरे अच्छा लिखा ।

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