ये कहानी है "विनी" नाम की एक प्यारी -सी बच्ची की | बात उतनी पुरानी है , जब विनी के माता -पिता काजन्म भी नही हुआ था | पहले पिता से शुरू करें ---- दो बहनों के बाद जन्म हुआ था , विनी के पिता का | सब बहुत खुश थे| भरे -पूरे परिवार और बड़े ही खुशनुमा माहौल में उनका लालन -पालन हुआ | विनी के दादा-दादी अपने बेटे की हर इच्छा पूरी करने की कोशिश करते , जैसा कि अमूमन हर माता -पिता करते हैं | दोनों बहनें भाई को बहुत प्यार करती | धीरे -धीरे समय बीता , जवान हुए और पढ़लिख कर समझदार भी |
इसी तरह विनी की माँ का जन्म पहली संतान के रूप में हुआ, बेटी पाकर उसके माता -पिता भी बहुत खुश हुए| समय बीतने पर विनी की माँ को एक छोटे भाई का साथ भी मिला | किशोरावस्था में कदम रखते ही विनी कीमाँ बहुत खुबसूरत लगने लगी| पढ़ाई ख़त्म हुई |
यहाँ ये बता दूँ कि जितने प्यार से विनी के पिता का लालन -पालन हुआ , उतने ही प्यार से विनी की माँ का भी
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यहाँ ये बता दूँ कि जितने प्यार से विनी के पिता का लालन -पालन हुआ , उतने ही प्यार से विनी की माँ का भी
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फ़िर एक दिन विनी के दादा-दादी , बुआ , नाना-नानी , मामा , की मर्जी से विनी के पिता व माँ की शादी हो गई
सब बहुत ही खुश थे ----परिवार , रिश्तेदार , समाज | थोड़े समय बाद सबकी खुशी दुगनी हो गई , जब "विनी" का जन्म हुआ | परिवार के सब लोग बहुत ही खुश थे ,विनी है ही इतनी प्यारी बच्ची | विनी थोडी बड़ी हुई , नर्सरी में उसका एडमिशन करवा दिया गया ,वो स्कूल जाने लगी |
समय अपनी गति से बीत रहा था , कि तभी एक घटना घटी , जिसके बारे में किसी ने सपनें में भी नही सोचाथा-- ------ | ---विनी के पिता ऑफिस के काम से एक हफ्ते के लिए बाहर गए, बहुत सारे वादे विनी और उसकीमाँ से करके | वहाँ सकुशल पहुँच कर उन्होंने , विनी , उसकी माँ , विनी के दादा-दादी , मामा आदि लोगो सेफोन पर बात भी की | सब बहुत खुश थे | अभी एक दिन ही बीता था | दूसरे ही दिन वहाँ से विनी के पिता केसाथियों का फोन , विनी के पिता के नजदीकी रिश्तेदार के पास आया | सूचना मिली कि विनी के पिता केसाथ एक दुर्घटना घट गई है , जिसमें उन्हें बचाया नही जा सका | जिसने भी सुना उसके होश उड़ गए |
परिवार में हुई इस असामयिक मौत ने सबको विचारशून्य कर दिया | किसी के समझ में नहीं आ रहा था किकिसे धीरज दें , और कैसे ? उस दिन मै भी वहाँ थी| घर में इतने सारे लोगों , जिनमें से कई चेहरे अनजान थे , के अचानक आ जाने से विनी को कुछ समझ नही आ रहा था कि क्या हो रहा है| कुछ जाने -पहचाने चेहरे उसेगोदी में उठाते, कोई चोकलेट दे रहा था , तो कोई खाने कि अन्य चीज | किसी को वो हां कहती तो किसी को नाउसकी आँखे अजनबियों कि भीड़ में अपनी माँ को खोज रही थी , उसे नहीं पता था कि उसकी माँ कोअस्पताल ले जाया गया है , ताकि वो इस सदमे को सह सके | आख़िर आंसुओं कि अनगिनत धाराओं औररुदन कि असह्य वेदना के साथ , विनी के पिता का अन्तिम संस्कार कर दिया गया |
सब लोग अपने-अपने घर चले गए | अति नजदीकी रिश्तेदार उनके घर रुके | इसके बाद ठहर - सी गई जिंदगीमें एक भूचाल -सा आना बाकी था | १५ दिन बीतते -बीतते घर वालों को पता चला कि विनी के साथ खेलने केलिए , उसकी माँ एक और बेबी को लाने वाली है | विनी कि माँ कि स्थिति को बयान करने के लिए मेरे पासकोई शब्द नहीं है | हर कोई उसका भला चाहता था , हर कोई उसके दुःख को कम करना चाहता था , ऐसीविकट घड़ी में विनी के नाना-नानी को अपनी बेटी के भविष्य कि चिंता होना स्वाभाविक है , वे सोच रहे थे किइतनी कम उम्र में उनकी बेटी अकेले दो बच्चों को कैसे पालेगी , उन्होंने एक बहुत ही कठोर निर्णय सुनायाविनी की माँ नए बच्चे को जन्म न दे , ( वे यह भी सोच रहे थे कि भविष्य में हम अपनी बेटी कीदूसरी शादी करवा देंगे ) अब दादा-दादी की बारी थी - निर्णय देने की , वे अपने बेटे की आखरी निशानी कोदुनिया में लाना चाहते थे , उन्हें एक आशा भी थी, कि शायद विनी को भाई मिल जाए ( अपनी बहू को बेटीबनाकर वे भी भविष्य में उसकी शादी करने से इंकार नही कर रहे थे ) आख़िर विनी की नानी , विनी की माँ कोअपने साथ ले गई और नए बच्चे को इस दुनिया में आने से रोक दिया गया | मीठे और मधुर रिश्तों में कड़वाहटआ गई | | -------- इसमें किसी को भी दोषी ठहराना ठीक नही होगा लेकिन " सही निर्णय का सही समय " पर लिया जाना जरुरी है , भावुकता या जल्दबाजी में लिए गए एक ग़लत निर्णय से संबंधो में दरार आना स्वाभाविक है , वैसे भी ये ऐसा संवेदनशील क्षण होता है , जहां व्यक्ति अपने -आप को सबसे अधिक लाचार पाता है | अब विनी के बारे में निर्णय होना बाकी था इस बार दादी की बात मानी गई - विनीअपने दादा-दादी के पास रह गई , और विनी की माँ को उसकी नानी अपने घर ले गई |
इस हादसे ने विनी को उसके पापा के साथ ही माँ से भी अलग कर दिया | उसके चेहरे कि मुस्कराहट कहीं खोगई| इस बीच एक बार विनी की दादी की ख़बर आई की वे विनी को मेरे शहर में लेकर आई है तो अपने आप कोरोक न सकी मै | विनी , जिनके यहाँ रुकी थी, मै वहाँ गई उसकी दादी से इजाजत लेकर उससे घूमने चलने कोपूछा ,मेरे पास स्कूटर देखकर (शायद वो बहुत दिनों से उस पर बैठकर घूमने नही जा पाई थी )अपने आप कोरोक नही पाई ,मुझसे अनजान होते हुए भी ,मेरे साथ चलने को राजी हो गई सबसे पहले झूला,फ़िर बुढीया केबाल ,फ़िर फुग्गा ,फ़िर आइसक्रीम ,खिलौने, कपडे सब कुछ करते-करते ३ घंटे कहाँ बीत गए पता ही नही चलामगर थोडी -थोडी देर में मुझसे पूछती रहती थी कि- अपने वापस पहुँचने तक दादी रुकेगी न ? मै उसके डर कोसमझ रही थी |
आज इस हादसे को ३ साल होने को आए है ,विनी कि माँ कभी-कभी विनी के पास आने लगी है , शायद समयसब जख्मो को भर देता है फ़िर भी एक डर बना हुआ है कि जब विनी बड़ी होगी ,रिश्तो कि अहमियत कोसमझेगी तब कितने सवाल उसके जेहन में उठेंगे और क्या कभी कोई उसके सवालो के जबाब उसे दे पायेगा ? दादा पहले ही रिटायर हो चुके थे , आजीविका के लिए घर में ही किराना दुकान चलाते है , विनी से मै बहुतदिनों से नही मिली हूँ ,पर चाहती हूँ , जब भी मिलूँ वो न सिर्फ़ मुस्कराए बल्कि खिलखिलाते हुए मुझसे मिले |
मुद्दे की बात ---एक बात जो आमतौर पर देखी जाती है कि ,ऐसे मौकों पर ( जब किसी परिवार में किसी कीअसमय म्रत्यु हो जाती है , या कोई परिजन किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हो जाता है |) मुफ्त की सलाह देनेवालो की भरमार हो जाती है , जो सिर्फ़ शोक जताने आते है और अपनी राय सौप जाते है |
और दूसरी अहम् बात--- ऐसे मौकों पर ही घर के बुजुर्गो के धैर्य ,और अनुभव की परीक्षा होती है |
सब बहुत ही खुश थे ----परिवार , रिश्तेदार , समाज | थोड़े समय बाद सबकी खुशी दुगनी हो गई , जब "विनी" का जन्म हुआ | परिवार के सब लोग बहुत ही खुश थे ,विनी है ही इतनी प्यारी बच्ची | विनी थोडी बड़ी हुई , नर्सरी में उसका एडमिशन करवा दिया गया ,वो स्कूल जाने लगी |
समय अपनी गति से बीत रहा था , कि तभी एक घटना घटी , जिसके बारे में किसी ने सपनें में भी नही सोचाथा-- ------ | ---विनी के पिता ऑफिस के काम से एक हफ्ते के लिए बाहर गए, बहुत सारे वादे विनी और उसकीमाँ से करके | वहाँ सकुशल पहुँच कर उन्होंने , विनी , उसकी माँ , विनी के दादा-दादी , मामा आदि लोगो सेफोन पर बात भी की | सब बहुत खुश थे | अभी एक दिन ही बीता था | दूसरे ही दिन वहाँ से विनी के पिता केसाथियों का फोन , विनी के पिता के नजदीकी रिश्तेदार के पास आया | सूचना मिली कि विनी के पिता केसाथ एक दुर्घटना घट गई है , जिसमें उन्हें बचाया नही जा सका | जिसने भी सुना उसके होश उड़ गए |
परिवार में हुई इस असामयिक मौत ने सबको विचारशून्य कर दिया | किसी के समझ में नहीं आ रहा था किकिसे धीरज दें , और कैसे ? उस दिन मै भी वहाँ थी| घर में इतने सारे लोगों , जिनमें से कई चेहरे अनजान थे , के अचानक आ जाने से विनी को कुछ समझ नही आ रहा था कि क्या हो रहा है| कुछ जाने -पहचाने चेहरे उसेगोदी में उठाते, कोई चोकलेट दे रहा था , तो कोई खाने कि अन्य चीज | किसी को वो हां कहती तो किसी को नाउसकी आँखे अजनबियों कि भीड़ में अपनी माँ को खोज रही थी , उसे नहीं पता था कि उसकी माँ कोअस्पताल ले जाया गया है , ताकि वो इस सदमे को सह सके | आख़िर आंसुओं कि अनगिनत धाराओं औररुदन कि असह्य वेदना के साथ , विनी के पिता का अन्तिम संस्कार कर दिया गया |
सब लोग अपने-अपने घर चले गए | अति नजदीकी रिश्तेदार उनके घर रुके | इसके बाद ठहर - सी गई जिंदगीमें एक भूचाल -सा आना बाकी था | १५ दिन बीतते -बीतते घर वालों को पता चला कि विनी के साथ खेलने केलिए , उसकी माँ एक और बेबी को लाने वाली है | विनी कि माँ कि स्थिति को बयान करने के लिए मेरे पासकोई शब्द नहीं है | हर कोई उसका भला चाहता था , हर कोई उसके दुःख को कम करना चाहता था , ऐसीविकट घड़ी में विनी के नाना-नानी को अपनी बेटी के भविष्य कि चिंता होना स्वाभाविक है , वे सोच रहे थे किइतनी कम उम्र में उनकी बेटी अकेले दो बच्चों को कैसे पालेगी , उन्होंने एक बहुत ही कठोर निर्णय सुनायाविनी की माँ नए बच्चे को जन्म न दे , ( वे यह भी सोच रहे थे कि भविष्य में हम अपनी बेटी कीदूसरी शादी करवा देंगे ) अब दादा-दादी की बारी थी - निर्णय देने की , वे अपने बेटे की आखरी निशानी कोदुनिया में लाना चाहते थे , उन्हें एक आशा भी थी, कि शायद विनी को भाई मिल जाए ( अपनी बहू को बेटीबनाकर वे भी भविष्य में उसकी शादी करने से इंकार नही कर रहे थे ) आख़िर विनी की नानी , विनी की माँ कोअपने साथ ले गई और नए बच्चे को इस दुनिया में आने से रोक दिया गया | मीठे और मधुर रिश्तों में कड़वाहटआ गई | | -------- इसमें किसी को भी दोषी ठहराना ठीक नही होगा लेकिन " सही निर्णय का सही समय " पर लिया जाना जरुरी है , भावुकता या जल्दबाजी में लिए गए एक ग़लत निर्णय से संबंधो में दरार आना स्वाभाविक है , वैसे भी ये ऐसा संवेदनशील क्षण होता है , जहां व्यक्ति अपने -आप को सबसे अधिक लाचार पाता है | अब विनी के बारे में निर्णय होना बाकी था इस बार दादी की बात मानी गई - विनीअपने दादा-दादी के पास रह गई , और विनी की माँ को उसकी नानी अपने घर ले गई |
इस हादसे ने विनी को उसके पापा के साथ ही माँ से भी अलग कर दिया | उसके चेहरे कि मुस्कराहट कहीं खोगई| इस बीच एक बार विनी की दादी की ख़बर आई की वे विनी को मेरे शहर में लेकर आई है तो अपने आप कोरोक न सकी मै | विनी , जिनके यहाँ रुकी थी, मै वहाँ गई उसकी दादी से इजाजत लेकर उससे घूमने चलने कोपूछा ,मेरे पास स्कूटर देखकर (शायद वो बहुत दिनों से उस पर बैठकर घूमने नही जा पाई थी )अपने आप कोरोक नही पाई ,मुझसे अनजान होते हुए भी ,मेरे साथ चलने को राजी हो गई सबसे पहले झूला,फ़िर बुढीया केबाल ,फ़िर फुग्गा ,फ़िर आइसक्रीम ,खिलौने, कपडे सब कुछ करते-करते ३ घंटे कहाँ बीत गए पता ही नही चलामगर थोडी -थोडी देर में मुझसे पूछती रहती थी कि- अपने वापस पहुँचने तक दादी रुकेगी न ? मै उसके डर कोसमझ रही थी |
आज इस हादसे को ३ साल होने को आए है ,विनी कि माँ कभी-कभी विनी के पास आने लगी है , शायद समयसब जख्मो को भर देता है फ़िर भी एक डर बना हुआ है कि जब विनी बड़ी होगी ,रिश्तो कि अहमियत कोसमझेगी तब कितने सवाल उसके जेहन में उठेंगे और क्या कभी कोई उसके सवालो के जबाब उसे दे पायेगा ? दादा पहले ही रिटायर हो चुके थे , आजीविका के लिए घर में ही किराना दुकान चलाते है , विनी से मै बहुतदिनों से नही मिली हूँ ,पर चाहती हूँ , जब भी मिलूँ वो न सिर्फ़ मुस्कराए बल्कि खिलखिलाते हुए मुझसे मिले |
मुद्दे की बात ---एक बात जो आमतौर पर देखी जाती है कि ,ऐसे मौकों पर ( जब किसी परिवार में किसी कीअसमय म्रत्यु हो जाती है , या कोई परिजन किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हो जाता है |) मुफ्त की सलाह देनेवालो की भरमार हो जाती है , जो सिर्फ़ शोक जताने आते है और अपनी राय सौप जाते है |
और दूसरी अहम् बात--- ऐसे मौकों पर ही घर के बुजुर्गो के धैर्य ,और अनुभव की परीक्षा होती है |
कैसे कहूँ कि कौन दोषी है.. सब अपनी जगह सही होने की कोशिश में थे पर कोई दोष ना होते हुए भी सबसे बड़ी सजा तो मासूम विनी को मिली. हर पल कुछ छीन जाने के डर के मासूम मुस्कराहट ने बचपन में ही दम तोड़ दिया. काश सब मिलकर मासूम के बचपन को ध्यान में रख कर कोई निर्णय लेते! काश...
ReplyDeleteबहुत मार्मिक कहानी है । संम्भव है आने वाले समय में विनी इस त्रासदी से उभर सके।
ReplyDeleteमर्मस्पर्शी. किसी बच्चे के साथ ऐसा न हो. आभार.
ReplyDeleteबड़ी दर्द भरी कहानी है विनी की। सब से कुछ न कुछ खोया पर जो विनी से छिन गया उसकी क्षतिपूर्ति नहीं हो सकती। इश्वर किसी के साथ ऐसा न करे।
ReplyDelete"और दूसरी अहम् बात--- ऐसे मौकों पर ही घर के बुजुर्गो के धैर्य ,और अनुभव की परीक्षा होती है |"
ReplyDeleteयह बात सच में बहुत अहम है. मार्मिक कहानी.
दोष किसी का नही.. शायद नियती का... एक बात और --
ReplyDeleteये सारी बातें हमारे सहनशील ौर समझदार परिवार मे ही सम्भव था कि तमाम कड्वाहटॊं के बावजूद अब सब कुछ सामान्य है और किसी ने भी दिलों मे कडवी गाठें नही बांधी.. जो हो चुका उसे भूल कर अब वीणा और विनी के लिये जो भी अच्छा हो सकता है , सभी उस ओर प्रयासरत हैं!
क्या विनी की मां ने दूसरी शादी की।
ReplyDeleteअक्सर समय हमें दो राहों पर खड़ा कर देता है जहां से यह तय करना मुश्किल होता है कि कौन सा चुने।
भावपूर्ण मार्मिक कहानी लगी ..बहुत से विचार आये इसको पढ़ते हुए ..कई बाते विचारणीय है
ReplyDeleteबाली जी,सुब्रमन्यन जी,शिखा जी,उन्मुक्त जी एवं रंजना जी,विनी व उसकी माँ के दर्द को समझने के लिये धन्यवाद।
ReplyDeleteअभिषेक,हिमान्शु,आप दोनो की टिप्पणीयो से लगता है कि,आप बात को सिर्फ़ कहानी नही समझ रहे है,मर्म को भी जाना है आपने। धन्यवाद।
रचना,ऐसे समझदार और सहनशील परिवार मे हमारा जन्म हुआ,इसके लिये हम सब की ओर से ईश्वर का धन्वाद।
आपकी लेखन प्रतिभा गजब की है, बहुत मर्मस्पर्शी कथा का प्रवाह भी सुन्दर था अगर ये सच है तो आपका आभार स्कूटर पर बिताये पलों के लिए, किसी अलंकार की आवश्यकता नही है टिप्पणी में आपकी पोस्ट को पढने के बाद.
ReplyDeleteएक बात जो आमतौर पर देखी जाती है कि ,ऐसे मौकों पर ( जब किसी परिवार में किसी की असमय म्रत्यु हो जाती है , या कोई परिजन किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हो जाता है |) मुफ्त की सलाह देने वालो की भरमार हो जाती है , जो सिर्फ़ शोक जताने आते है और अपनी राय सौप जाते है |
ReplyDeleteऔर दूसरी अहम् बात--- ऐसे मौकों पर ही घर के बुजुर्गो के धैर्य ,और अनुभव की परीक्षा होती है ....aadhunikta ka aadamber bhar hai ye ..!
विनी को उसकी मां से अलग नहीं करना चाहिए था। चाहे जो भी कारण हो....
ReplyDelete- आनंद
बहुत ही गंभीर स्थिति है यह, लेकिन अगर थोडा सब्र किया जाता तो शायद कुछ सही हो पाता, सजा किसे मिली विनी को ओर उस अजन्मे बच्चे को, जब सास ससुर विनी को समभाल सकते थे, तो दुसरे बच्चे को भी सम्भाल लेते,अभी तो सब सही चल रहा है, विनी की मां की भी शादी हो जायेगी, लेकिन जब विनी समझदार होगी ओर उसे इन सब बातो का पता लगेगा तो उस समय वो अपनी मां को माफ़ करेगी ??????
ReplyDeleteजिसने अपने स्वार्थ के लिये अपनी बच्ची को ओर उस आजन्मे बच्चे को.....
धन्यवाद