Saturday, March 7, 2009

बोलो ठीक है ना !!!!!

जो कुछ चाहो , वो मिल ही जाए ,
ऐसा कभी नही होता है
इसलिए जो कुछ मिले ,
उसे " चाह " लेना ही ठीक है

जो कुछ सीखो , सब जाए,
ऐसा कभी नही होता है
इसलिए जो कुछ जाए ,
उससे ही " सीख " लेना ठीक है

जो कुछ लिखा है , वो सब पढ लिया हो ,
ऐसा कभी नही होता है
इसलिए जो कुछ पढ लिया हो ,
उसे ही " याद रख लेना " ठीक है

जो कुछ सुना , सब समझ लिया ,
ऐसा कभी नही होता है
इसलिए जो कुछ " समझा " ,
उसे ही " कर " लेना ठीक है।

जो कुछ बोला , सब काम का हो ,
जरूरी नही होता है ,
लेकिन बडों की कही हर बात को ,
शान्ति से " सुन " लेना ठीक है

जो कुछ खो गया , वो फ़िर से मिल जाए ,
ऐसा हमेशा नही होता है ,
इसलिए जो मिल गया ,
उसे ही " सहेज " लेना ठीक है

खुशी और गम , किसी के पास ज्यादा होते है ,
किसी के पास कम ,
इनको समान करने के लिए ,
आपस मे " बांट " देना ही ठीक है

किसी भी उम्र में कोई भी व्यक्ति ,
कभी परिपूर्ण नही होता है ,
इसलिए हर छोटे- बडे की कही बात पर ,
" ध्यान " देना ही ठीक है

कोई भी संस्कृति या धर्म ,
किसी को बुराई नही सिखाता ,
इसलिए हर धर्म और संस्कृति को ,
हमेशा " मान " देना ही ठीक है

8 comments:

  1. कोई भी व्यक्ति कभी परिपूरन नहीं होता......बिलकुल ठीक लिखा आपने..वाकई में आज ज़माना भी यही कहता है....ध्यान देना ही ठीक है..

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  2. हिन्दी भाषा के विकास में अपना योगदान दें।
    रचनात्मक ब्लाग शब्दकार को रचना प्रेषित कर सहयोग करें।
    रायटोक्रेट कुमारेन्द्र

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  3. बहुत ही सुंदर बातें कही ... बहुत अच्‍छी रचना।

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  4. बहुत ही अच्छी बात कही आपने ...मन को भायी

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  5. कोइ भी ब्लॉगर बिना टिप्पणी के
    मर नहीं जाता है,
    पर अच्छी पोस्ट पर
    टिप्पणी करना ही ठीक है.

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  6. वाह! वाह! बहूत खूब!

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  7. महक जी,रजनीश जी,संगीता जी,अनिलकान्त जी व रचना जी आपका धन्यवाद ।
    सेंगर जी जल्दी ही कोशीश करूंगी । धन्यवाद।
    सतीश जी ,क्या मै समझूं--पोस्ट पसन्द आई ।

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