न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे,
न ही किसी कविता के,
और न किसी कहानी या लेख को मै जानती,
बस जब भी और जो भी दिल मे आता है,
लिख देती हूँ "मेरे मन की"
Saturday, July 4, 2009
करत-करत अभ्यास के जडमति होत सुजान--------------------
मेहनत का फ़ल मीठा होता है.................बहुत-बहुत आभार सागर जी का.................जिनकी मदद से अपना पहला एकल गीत पोस्ट करने में सफ़लता मीली..................(अब भला कीसी को पसंद आये या न आये सुनना तो पडेगा ही.........और सुन लिया तो बताना भी पडेगा कि कैसा लगा..........हा हा हा )
बहुत ही खूबसूरत गाया है आपने । गीत तो खूबसूरत है ही।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया गाया आपने।
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