Friday, April 23, 2010

दो गीत ----------------दो आवाज -------------------दो भाव----------एक नकारात्मक...................एक सकारात्मक

आज सुनिए दो गीत .............
दोनो एकदम अलग भाव लिए ..............
दोनो के बोल दिल को छू लेने वाले ...............
दोनो एकदम अलग आवाज मे................
एक मैने गाया है ............
एक मेरे भाई देवेन्द्र पाठक ने ............पेशे से वकील है ..........(हम दोनो बहनो के कारण उसने भी अपना ब्लोग बना लिया........लिखने की आदत पड गई .पर समय नही मिलता पोस्ट करने के लिए .....लिख -लिख कर इकठ्ठा कर रहा है ......बाद मे कभी पोस्ट करने के लिए ..........पर हम है कि उसके पीछे पडे रहते है अब गाना भी शुरू करवा दिया है ...............शायद कभी मेरे साथ युगल गीत भी गा ले ).............

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10 comments:

  1. dono gaane sundar aur karnpriy lage

    aasha hai aur bhi gaane sunne ko milenge

    aabhaar
    shubh kamnayen

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  2. बहुत खूबसूरत गीत
    दोनो
    मुझे भी

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  3. बहुत सुन्दर रहा आपको और देवेन्द्र भाई को सुनना. देवेन्द्र जी को भी करयोके का ट्रेक दें, और मजा आयेगा.

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  4. Sameer ji ne sahi kaha...waise dono hi sundar...

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  5. बहुत सुन्दर!
    दोनों गीत जीवन का दर्शन प्रस्तुत करते हैं और विना साज के गाया गया ये गीत और जीवंत हो गया|
    रत्नेश त्रिपाठी

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  6. बहुत खूबसूरत गीत

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  7. पहला गीत तो मेरी पसंद का है जिसे मै अकसर सुनता हुं, आप की आवाज बहुत सुंदर लगी ,लेकिन आप के भाई की आवाज बहुत सुंदर लगी, ओर गीत भी. धन्यवाद

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  8. शानदार गीत ! सुन्दर स्वर ।
    आभार ।

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  9. Very nice sung by your brother too .

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