न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
बहुत भी प्यारा सा गीत और बालमन का तर्क!--सुनकर आनन्द आ गया!
बहुत बढ़िया!
अवाज का जादू चल गया। अति सुन्दर। बधाई।
aanandit kar gayaa ye prasaaran
बहुत बढ़िया प्रस्तुति!
बहुत ही प्यारी कहानी।.......प्रेम एक दलदल है..’चोंच में आकाश’ समा लेने की जिद।
बहुत भी प्यारा सा गीत और बालमन का तर्क!
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सुनकर आनन्द आ गया!
बहुत बढ़िया!
ReplyDeleteअवाज का जादू चल गया। अति सुन्दर। बधाई।
ReplyDeleteaanandit kar gayaa ye prasaaran
ReplyDeleteबहुत बढ़िया प्रस्तुति!
ReplyDeleteबहुत ही प्यारी कहानी।
ReplyDelete.......
प्रेम एक दलदल है..
’चोंच में आकाश’ समा लेने की जिद।