अपनी बिटिया को यह कविता बैठ कर सुनवाई, इसे भी यह सीख पसंद आई, बोली, बुआ ने यह कविता पढकर सुनाई है यह सीख तो हमारे बड़े काम आई है. खेल की उँगली थामे, प्रकृति की गोद में बैठे पढाई का हाथ कभी नहीं छोड़ेंगे, इतिहास के पन्नों में अगर दर्ज नहीं हो पाए तो क्या हम एक नया इतिहास ही रच देंगे हम एक नया इतिहास ही रच देंगे!!
शुक्रिया सुनने के लिए समय देने का... @सलील भाई साहब आभारी हूँ आपकी इस आत्मीय रिश्ते के लिए...बिटिया को स्नेहाशीष...और नया इतिहास रचने के लिए शुभकामनाएं...
खेल और पढाई की दोस्ती अच्छी है।
ReplyDeleteपढाई ने हमेशा खेल को ही हराया है।
ReplyDeleteखेल की उंगली और पढाई का हाथ थाम लेना।
रिकार्डिंग में कुछ रुकावट है बीच बीच में।
वाह
ReplyDeleteअदभुत
खेल की उंगली और पढाई का हाथ थाम लेना।
ReplyDeleteरचना के माध्यम से बच्चों को बहुत प्यारा संदेश दिया...बधाई.
आपके स्वर में बच्चों को समर्पित कविता तो
ReplyDeleteबढ़िया ही होगी!
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मगर मेरे यहाँ प्लेयर खुल ही नही रहा है!
achchhi kavita hai
ReplyDeleteबड़ी कोमल व सुन्दर कविता।
ReplyDeleteबच्चो के लिये लिखना बहुत ज़रूरी है
ReplyDeleteबहुत सुंदर केल खेल मै ही पढाई भी, धन्यवाद
ReplyDeleteअपनी बिटिया को यह कविता बैठ कर सुनवाई,
ReplyDeleteइसे भी यह सीख पसंद आई,
बोली, बुआ ने यह कविता पढकर सुनाई है
यह सीख तो हमारे बड़े काम आई है.
खेल की उँगली थामे, प्रकृति की गोद में बैठे
पढाई का हाथ कभी नहीं छोड़ेंगे,
इतिहास के पन्नों में अगर दर्ज नहीं हो पाए
तो क्या
हम एक नया इतिहास ही रच देंगे
हम एक नया इतिहास ही रच देंगे!!
बहुत बढ़िया रही यह सीख भरी कविता!
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आज प्लेयर खुल गया!
शुक्रिया सुनने के लिए समय देने का...
ReplyDelete@सलील भाई साहब आभारी हूँ आपकी इस आत्मीय रिश्ते के लिए...बिटिया को स्नेहाशीष...और नया इतिहास रचने के लिए शुभकामनाएं...
रोचक एवं प्रेरक बाल कविता
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