Wednesday, June 1, 2011

जिन खोजा तिन पाईयां ............

कल जिस आवाज को आपने सुना उनके और उस गीत  के रचनाकार के बारे में बताने वाली थी आज ...
फिर सोचा मौके को भुना लू ...क्या पता उन्हें सुनने के बाद कोई ये सुनना भी पसंद करे या नहीं .....तो आज सुनिए वही गीत मेरी आवाज में ( एडिट उन्ही ने करके दिया है ).....



और हां ----कल की पोस्ट की टिप्पणियों से ज्ञात हुआ की पद्मसिंह जी और अनुराग शर्मा जी ....भी गाते है तो अब पॉडकास्ट की उनकी बारी रहेगी वे तैयार रहे ............हा हा हा ..........

7 comments:

  1. उम्दा....उम्दा.....उम्दा!!!!


    न जने क्यूँ आँख नम हो आईं..लगा मुझे बुलाया जा रहा है!!

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  2. आज स्वर बड़े ही गहरे लग रहे थे, नम भी।

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  3. bahut badiyaa swar main sunder geet badhaai aapko.




    please visit my blog and leave a comment.thanks

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  4. दोनो ही बहुत उम्दा हे, धन्यवाद

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  5. kuch personal problam ke karan blog par na aa paa raha hoon
    sory for late visit

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