न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
तब इस कविता को पढ़कर अच्छा लगा था आज सुनकर।
मैं तो फैन हूँ अरुण जी का... आज तुम्हारी आवाज़ के लिए इन कविताओं का चुना जाना मेरे लिए दोहरी खुशी का कारण बन गया है!!
अरुण की कविताएं काफ़ी संवेदनशील होती हैं। आपके स्वर ने उन संवेदनाओं को जान दे दिया है।
अर्चनाजी मेरी कविताओं को स्वर देने के लिए बहुत बहुत आभार...यह कविता मेरी प्रिय कविताओं में एक है... आपका पाठ बहुत बढ़िया है...
कविता पाठ बहु्त बढिया रहा और अर्चना जी की आवाज़ तो है ही इतनी मधुर जैसे कोयल कुहुक रही हो।
behtarin andaj mein bahtarin rachna paath..badhayee
बहुत सुन्दर
अर्चना जी की आवाज़ तो बहुत बढ़िया है...मैं तो फैन हूँ अर्चना जी का....
तब इस कविता को पढ़कर अच्छा लगा था आज सुनकर।
ReplyDeleteमैं तो फैन हूँ अरुण जी का... आज तुम्हारी आवाज़ के लिए इन कविताओं का चुना जाना मेरे लिए दोहरी खुशी का कारण बन गया है!!
ReplyDeleteअरुण की कविताएं काफ़ी संवेदनशील होती हैं। आपके स्वर ने उन संवेदनाओं को जान दे दिया है।
ReplyDeleteअर्चनाजी मेरी कविताओं को स्वर देने के लिए बहुत बहुत आभार...यह कविता मेरी प्रिय कविताओं में एक है... आपका पाठ बहुत बढ़िया है...
ReplyDeleteकविता पाठ बहु्त बढिया रहा और अर्चना जी की आवाज़ तो है ही इतनी मधुर जैसे कोयल कुहुक रही हो।
ReplyDeletebehtarin andaj mein bahtarin rachna paath..badhayee
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteअर्चना जी की आवाज़ तो बहुत बढ़िया है...मैं तो फैन हूँ अर्चना जी का....
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