Saturday, September 3, 2011

माँ को नहीं आता मोबाइल चलाना......

 अरूण चन्द्र रॉय जी की कविताएं ...उनके ब्लॉग सरोकार से ...

8 comments:

  1. तब इस कविता को पढ़कर अच्छा लगा था आज सुनकर।

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  2. मैं तो फैन हूँ अरुण जी का... आज तुम्हारी आवाज़ के लिए इन कविताओं का चुना जाना मेरे लिए दोहरी खुशी का कारण बन गया है!!

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  3. अरुण की कविताएं काफ़ी संवेदनशील होती हैं। आपके स्वर ने उन संवेदनाओं को जान दे दिया है।

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  4. अर्चनाजी मेरी कविताओं को स्वर देने के लिए बहुत बहुत आभार...यह कविता मेरी प्रिय कविताओं में एक है... आपका पाठ बहुत बढ़िया है...

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  5. कविता पाठ बहु्त बढिया रहा और अर्चना जी की आवाज़ तो है ही इतनी मधुर जैसे कोयल कुहुक रही हो।

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  6. behtarin andaj mein bahtarin rachna paath..badhayee

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  7. अर्चना जी की आवाज़ तो बहुत बढ़िया है...मैं तो फैन हूँ अर्चना जी का....

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