मुझे ऐसा लगता है कि हम अपनी हर बात किसी से प्रेरित होकर ही कहते हैं,या तो वो कोई घटना होती है, या अनुभव ।
अब मुझे ही लीजिए- मैनें पिछली पोस्ट लिखी एक ब्लॉग पर आई टिप्पणी से प्रेरित होकर ..पर सिर्फ़ उस ब्लॉग के लिए नहीं --सबके लिए और जिस ब्लॉगपोस्ट से प्रेरणा मिली,वो कहीं और से प्रेरित होकर लिखी गई थी ।
यही नहीं मेरी बोरियत से प्रेरित होकर बेटे वत्सल ने अपना ब्लॉग मुझे दिखाया था ,और मेरा ब्लॉग बना दिया था ,मैने छोटी बहन रचना जो बहुत पहले से लिखती थी, से प्रेरित होकर चार -छ:लाईन लिखकर शुरुआत की लिखने की..
इस तरह सीखते-पढ़ते आज एक पोस्ट का पॉडकास्ट बनाया है ..अब ये नया इसलिए है कि मैं आमतौर पर ऐसे पॉडकास्ट नहीं बनाती ....( नशे/वशे या नेता/वेता के नाम वाले)......पर ये सामयिक लगा और फ़िर ...कहीं पढ़ी एक लाईन - "देखी जाएगी" से प्रेरणा लेकर पोस्ट कर ही दिया है आज ....सुनिए दीपक बाबा की बकबक नामक ब्लॉग से एक पोस्ट ---
नशा बुरी बात .......नहीं तो सब कुछ उल्टा-पुल्टा .
बड़ी प्रेरणा-प्रेरणा वाली पोस्ट है आपकी:)
ReplyDeleteदीपक बाबाजी की ये पोस्ट मस्त लगी थी और उस पोस्ट पर दिये अनुराग जी के लिंक वाली पोस्ट भी मस्त थी। उसमें कामेडी टच था तो दीपकजी वाली सामयिक हालात पर एक कटाक्ष। इसे पढ़ने में भी आनंद आया था और सुनने में भी। इस पोस्ट के बाद वाली पोस्ट भी वर्थपॉडकास्ट लगी वैसे मुझे तो।
बधाई हो दीपक भाई को और आपका आभार इसे हमें सुनवाने के लिये।
Badhiya podcost hai.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर पौडकास्ट..आभार
ReplyDeleteअच्छी इंस्पिरेशन है... इसी प्रेरणा में पॉडकास्ट भी बदला बदला सा लगा! ये बदलाव भी अच्छा है!!
ReplyDeleteपढते समय तो बस एक ही बात दिमाग में घूम रही थी कि एक बेहतर और अच्छे विचारों को जन्म देनी आली वास्तु के स्वाद से वंचित रह गए हम!!
पढ़ना और सुनना दोनों आनंददायक रहा!!
अर्चना जी, प्रणाम. बहुत बहुत आभार इस प्रेरणादाई पॉडकास्ट के लिए, प्रेरणादायक इसलिए कह रहे है कि यह पोस्ट आते आते कई प्रेरणादायक बातें हो गयी ....... .. बकिया हमारे पुरे परिवार और मित्र मण्डली की और से आपको बहुत बहुत साधुवाद.
ReplyDeleteवाह मज़ा आ गया। ऐसे सम-सामयिक और सटीक व्यंग्य कम ही सुनने में आते हैं।
ReplyDeleteआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!
ReplyDeleteयदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
इस बक बक में भी कितने सत्य छिपे हैं।
ReplyDeletebilkul sahi bakbak me hi insan sahi baten kah deta hai.......badhai prerak post ko lane ke liye vyngya bahut kuchh sikha gayi ....
ReplyDeleteदेख लिया हमने भी।
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी पोस्ट
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी पोस्ट
ReplyDeleteArchanaji Namaskar , aapki post padi, ye aam gharo ki sachhai hai, mughhe bhi shayad chaska lag raha hai blogpost padane ka,aur aap jariya hai , bahut bahut aabhar
ReplyDelete