Friday, September 16, 2011

वन्दे वाणी विनायकौ

 प्रस्तुत है राकेश कुमार जी के ब्लॉग "मनसा वाचा कर्मणा" से एक पोस्ट
वन्दे वाणी विनायकौ---




इनकी एक और पोस्ट ’ऐसी वाणी बोलिए’ भी यहाँ सुन सकते हैं।

11 comments:

  1. राकेश भैया का लेखन बहुत सुन्दर होता है, और - उतनी ही सुन्दर है आपकी यह अभिव्यक्ति भी |

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  2. पढ़ा था, सुनकर और भी आनन्द आ गया।

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  3. सुन्दर है आपकी यह अभिव्यक्ति

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  4. बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति ।

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  5. राकेश जी की पोस्ट और आपका स्वर ... परम आनद की स्थिति अपने आप ही आ जाती है ...

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  6. आपकी वाणी ने मेरी पोस्ट को और सार्थकता
    प्रदान की है.हृदय से आपका आभारी हूँ,अर्चना जी.
    परन्तु,मेरे लेखन पर आपकी स्वयं की टिपण्णी के बैगर मुझे अधूरा अधूरा सा ही लग रहा है.

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  7. सुनकर आनन्द आ गया....सुनवाने रचना के लिए बहुत-बहुत आभार..!

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  8. बड़े ही सुंदर अंदाज़ मैं पढ़ा है.

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  9. वन्दे! आपकी वाणी को भी -श्लोक आपके स्वर में सुना मुग्ध हो गया ! आशीष!

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