न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
बहुत बढ़िया ग़ज़ल
आपकी आवाज में गजलों की प्रस्तुति बहुत ही बढि़या लगी ...।
आपके सुरों ने रचना का मान बढ़ा दिया।
बहुत सुंदर लय में आपने इस ग़ज़ल को प्रस्तुत किया है।
बहोत अच्छी गजल और उतनीही अच्छी प्रस्तुति शैली| धन्यवाद|
बहुत ख़ूबसूरत गज़ल.. और जिस तरह तरन्नुम में आपने गाया है वो बिलकुल सही तौर पर गज़ल के मूड को अभिव्यक्त करता है!!
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है...
... नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएं....आपका जीवन मंगलमयी रहे ..यही माता से प्रार्थना हैं ..जय माता दी !!!!!!
आपकी आवाज़ का जादू गज़ल को नयी ऊँचाई दे रहा है ... शुक्रिया इस गज़ल को आवाज़ देना के लिए ...
मजा आ गया!!
नासवा जी बढ़िया लिखते हैं... आपके स्वर में गज़ल और भी अच्छी हो गई है..
बहुत अच्छा लगा आपको सुनकर!
बहुत बढ़िया ग़ज़ल
ReplyDeleteआपकी आवाज में गजलों की प्रस्तुति बहुत ही बढि़या लगी ...।
ReplyDeleteआपके सुरों ने रचना का मान बढ़ा दिया।
ReplyDeleteबहुत सुंदर लय में आपने इस ग़ज़ल को प्रस्तुत किया है।
ReplyDeleteबहोत अच्छी गजल और उतनीही अच्छी प्रस्तुति शैली| धन्यवाद|
ReplyDeleteबहुत ख़ूबसूरत गज़ल.. और जिस तरह तरन्नुम में आपने गाया है वो बिलकुल सही तौर पर गज़ल के मूड को अभिव्यक्त करता है!!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है...
ReplyDelete... नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएं....
ReplyDeleteआपका जीवन मंगलमयी रहे ..यही माता से प्रार्थना हैं ..
जय माता दी !!!!!!
आपकी आवाज़ का जादू गज़ल को नयी ऊँचाई दे रहा है ... शुक्रिया इस गज़ल को आवाज़ देना के लिए ...
ReplyDeleteमजा आ गया!!
ReplyDeleteनासवा जी बढ़िया लिखते हैं... आपके स्वर में गज़ल और भी अच्छी हो गई है..
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा आपको सुनकर!
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