Monday, September 26, 2011

एक गज़ल -दिगम्बर नासवा जी की

12 comments:

  1. बहुत बढ़िया ग़ज़ल

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  2. आपकी आवाज में गजलों की प्रस्‍तुति बहुत ही बढि़या लगी ...।

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  3. आपके सुरों ने रचना का मान बढ़ा दिया।

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  4. बहुत सुंदर लय में आपने इस ग़ज़ल को प्रस्तुत किया है।

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  5. बहोत अच्छी गजल और उतनीही अच्छी प्रस्तुति शैली| धन्यवाद|

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  6. बहुत ख़ूबसूरत गज़ल.. और जिस तरह तरन्नुम में आपने गाया है वो बिलकुल सही तौर पर गज़ल के मूड को अभिव्यक्त करता है!!

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  7. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है...

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  8. ... नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएं....
    आपका जीवन मंगलमयी रहे ..यही माता से प्रार्थना हैं ..
    जय माता दी !!!!!!

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  9. आपकी आवाज़ का जादू गज़ल को नयी ऊँचाई दे रहा है ... शुक्रिया इस गज़ल को आवाज़ देना के लिए ...

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  10. मजा आ गया!!

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  11. नासवा जी बढ़िया लिखते हैं... आपके स्वर में गज़ल और भी अच्छी हो गई है..

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  12. बहुत अच्छा लगा आपको सुनकर!

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