आज कहीं पढ़ी एक बात याद आ रही है ...फ़लों को लेकर उदाहरण था, तुलना की गई थी परिवार की फ़लों की बनावट के साथ...ठीक से तो याद नहीं शायद पर कुछ नोट कर लिया था वही लिख रही हूँ ..
(शायद आपमें से कई लोगों ने भी पढ़ा हो, जिसे पता हो वे कॄपया "ओरिजनल" की जानकारी देवें)
पारिवारिक संगठन
सेवफ़ल -- एक सुगठित फ़ल, अन्दर की बात बाहर आ जाये तो बदरंग ....
मौसम्बी -- एक विभाजित फ़ल, पर आपसी जुड़ाव बहुत ..
संतरा -- एक विभाजित फ़ल, पर ढीला ..
अंगूर -- सब अलग , कोई फ़र्क नहीं दिखने और स्वाद में एक से..
जामुन -- अलग -अलग पर रंग ऐसा जैसे जलते हों एक-दूसरे से..
बेर -- अलग-अलग और दूर-दूर काँटों से घिरे ..एक को छूने जाओ तो दूसरा काँटा चुभता है ...
और अन्त में ....
सीताफ़ल -- बाहर से भी अलग ,अन्दर से भी अलग पर जुड़ाव -- एक को छेड़ने पर सब बिखरते हैं ..मानसिक और शारिरिक रूप से स्वस्थ..अन्दर से भी बाहर से भी ......
अब आप तय कीजिए .....किस तरह का हो पारिवारिक संगठन ...
(शायद आपमें से कई लोगों ने भी पढ़ा हो, जिसे पता हो वे कॄपया "ओरिजनल" की जानकारी देवें)
पारिवारिक संगठन
सेवफ़ल -- एक सुगठित फ़ल, अन्दर की बात बाहर आ जाये तो बदरंग ....
मौसम्बी -- एक विभाजित फ़ल, पर आपसी जुड़ाव बहुत ..
संतरा -- एक विभाजित फ़ल, पर ढीला ..
अंगूर -- सब अलग , कोई फ़र्क नहीं दिखने और स्वाद में एक से..
जामुन -- अलग -अलग पर रंग ऐसा जैसे जलते हों एक-दूसरे से..
बेर -- अलग-अलग और दूर-दूर काँटों से घिरे ..एक को छूने जाओ तो दूसरा काँटा चुभता है ...
और अन्त में ....
सीताफ़ल -- बाहर से भी अलग ,अन्दर से भी अलग पर जुड़ाव -- एक को छेड़ने पर सब बिखरते हैं ..मानसिक और शारिरिक रूप से स्वस्थ..अन्दर से भी बाहर से भी ......
अब आप तय कीजिए .....किस तरह का हो पारिवारिक संगठन ...
पारिवारिक संगठन हो फलों का राजा 'आम' की तरह, सर्वप्रिय.
ReplyDeleteवाह!! :)
ReplyDeleteहम सब हमेशा ऐसे ही थे,
रहेंगे ऐसे ही कल,
हमारा परिवार.. सीताफ़ल!! :)
फल से परिवार की तुलना ....अच्छा है यह भी .....!
ReplyDeleteऊपर से कठोर, अन्दर से नरम वाला फल कैसा रहेगा?
ReplyDeleteवाह ...बहुत बढि़या।
ReplyDeleteबहुत खूब!
ReplyDeleteहम तो फल की कामना करने वालों में से नहीं हैं..
ReplyDeleteअच्छा आकलन है!
ReplyDeleteवाह, फलों की सुफल विवेचना।
ReplyDeleteये अच्छी लगी :) :) :)
ReplyDelete....बहुत बढि़या।
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