Monday, December 19, 2011

मेरे दो अनमोल रतन ..

अरे कब बड़े हो गए पता ही नहीं चला ......
 
देखो तो जरा ----वही हैं ये ..... 

9 comments:

  1. aise hi bade ho jate hain ... jane kab aur dheere dheere hum chhote ho jate hain , hai n ?

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  2. आपके गर्व को अनुभव कर रहा हूँ।

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  3. अब तो दो के चार होने की तैयारी है, शायद.

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  4. फेसबुक वाला ही कमेन्ट यहाँ भी कर रहा हूँ... अपने चश्मे का नंबर चेक करवा लो, बच्चे कभी बड़े नहीं होते!! न माँ की नज़रों में - न माँ-माँ (मामा) की नज़रों में!!!
    :)

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  5. खुशी के पल ...छोटे बच्चे हो या बडे ...वो पल वैसे ही रहेंगे

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  6. बच्चों की मासूम छवि में प्रभु नजर आते हैं.
    आपके पोता पोते हैं या धेवता धेवती.
    फोटो अच्छी लगी.

    आप मेर ब्लॉग पर क्यूँ नही आतीं हैं अर्चना जी.

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  7. शुभकामनाएं और आशीष।

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  8. शुभकामनाएं शुभकामनाएं शुभकामनाएं शुभकामनाएं

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  9. इस पोस्ट को देख अपने ही गीत की दो लाइन याद आ रही है...

    माँ के आँचल में छुप जाना
    घुटनों के बल चलते-चलते
    बचपन था एक खेल सुहाना
    कहीं खो गया चलते-चलते।

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