दिल से जो निकला वही कहा इसने ..--
1-सुनने लायक तो नहीं है लेकिन डांट न पड़े इसलिए बताया ..
2-वो तो ऐसे ही कई दिन से आपकी आज्ञा पेंडिंग थी तो...
3-और उपर से अभिषेक (ओझा) जी ने बार-बार अल्टीमेटम दे दिया तो ...
4-और पुराना हेडफोन टूट गया तो नया हेडफोन लिया जिसमे माईक था तो...
5- खैर!! मैं तो ये बताने आया था कि बच्चे पर से कोप हटा लिजिए .....
विश्वास ही नहीं हो रहा ...............हा हा हा ............लेकिन मुझे विश्वास था कि- ये जरूर कर सकता है ,
और इसने कर दिखाया ....
भला कौन हो सकता है ?
देख आएं और सुन आएं तो बताना ...... कैसा किया ?.....
बहुत अच्छा लगा ...
ReplyDeleteसुनते हैं जा के..
ReplyDelete?????????????????????
ReplyDelete"तुम्हारा नाम क्या है, बसंती?" ये गंभीर प्रश्न जय ने बसंती से पूछा।
ReplyDeleteबसंती ने कहा, "बसंती।"
’इसने’ वाला लिंक देकर अर्चना चावजी ने पूछा, "भला कौन हो सकता है?"
हमने कहा, "आप ही बता दीजिये।"
:)
वाह ...बहुत बढि़या।
ReplyDeleteजय हो गणपति, सुनकर अच्छा लगा,
ReplyDeleteबल्कि अभी तो सुन रहा हूँ जब पूरा हो जायेगा, तब मन को तसल्ली मिलेगी।