न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे,
न ही किसी कविता के,
और न किसी कहानी या लेख को मै जानती,
बस जब भी और जो भी दिल मे आता है,
लिख देती हूँ "मेरे मन की"
Sunday, February 26, 2012
ये आलसी का काम है
आज सुनिये एक ऐसी आवाज जिसे आप बार-बार सुनना चाहेंगे -- हैं तो ये आलसी पर चुपचाप एक काम कर रहे है जिसे सराहे बिना नहीं रह पाएंगे आप-- पास बैठेंगे तो सुनाएंगे बक-बक में भी नायाब बातें ..ऐसा ये कहते है ....
आज सुबह से ही आलस्य त्याग कर ये हमारा दिन बनाने में लगे हुए हैं.. इनके कारण आज अपने गुरुदेव से बात हुई!! इनकी कविता, इनके स्वर में सुनना अत्यंत सुखद अनुभव है.. तुम्हें भी धन्यवाद, इसे शेयर करने के लिए!!
इस कवि का पढना और सुनना दोनों ही आनंदानुभूति का हेतु बनता है ! आभार !
ReplyDeleteआलसी शब्द का सरासर दुरुपयोग है यह तो। हमारी आपत्ति दर्ज़ की जाये।
ReplyDeleteआज सुबह से ही आलस्य त्याग कर ये हमारा दिन बनाने में लगे हुए हैं.. इनके कारण आज अपने गुरुदेव से बात हुई!!
ReplyDeleteइनकी कविता, इनके स्वर में सुनना अत्यंत सुखद अनुभव है..
तुम्हें भी धन्यवाद, इसे शेयर करने के लिए!!
पढ़ आये और सुन आये..आनन्द आ गया..
ReplyDeleteexcellent - thanks for sharing ..
ReplyDeleteबहुत बढिया, आलसी का काम अच्छा है।
ReplyDeleteहमें तो क्रोम एरर दे रहा है उनके ब्लॉग पर....
ReplyDeleteहमें तो क्रोम एरर दे रहा है उनके ब्लॉग पर....
ReplyDeleteचूँकि आपको आभार व्यक्त नहीं करता हूँ, बस मुस्कुरा रहा हूँ :)
ReplyDeleteवाह!
ReplyDeleteअच्छा लगा सुनकर.