न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
आजकल हाईकु पर जोर है...
वाह बढिया ..समग्र गत्यात्मक ज्योतिष
वाह, बहुत बढ़िया..
एक सावन अनेक रूप ...
बहुत सुन्द्स्र , कम शब्दों में अधिक अभिव्यक्ति ....साधुवाद |
आजकल हाईकु पर जोर है...
ReplyDeleteवाह बढिया ..
ReplyDeleteसमग्र गत्यात्मक ज्योतिष
वाह, बहुत बढ़िया..
ReplyDeleteएक सावन अनेक रूप ...
ReplyDeleteबहुत सुन्द्स्र , कम शब्दों में अधिक अभिव्यक्ति ....साधुवाद |
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