Sunday, September 9, 2012

पलकें और आँसू

(चित्र एक ग्रुप- साहित्यिक मधुशाला की वॉल से लिया है)
वादे के बाद
मेरे जाने के बाद
रोई क्यों तुम?...

रोया ना करो
मोती गिर जाते हैं
चमकीले से...

बूँदों को मिली
पलकोंकी पालकी
मुझे क्या मिला?...

थाम लो मुझे
मेरे आँसू कहते
बरस बीते...

रूको तो साथी
तुम तो मत जाओ
साथ चलेंगे...

मोती की लड़ी
ठहर-ठहर के
आँखों से झड़ी...

किस विध से
मैं नीर नयन का
रोकूँ साजन?...

बिखरे सारे
मोती मेरे मन के
टूटी मनका...

तनहा शाम
फ़िर उदास मन
छलका जाम...

मोती क्यूँ झरे
यूँ पलकों के तले
तुम क्या जानो...

जंग अश्कों से
न जीती जाती कोई
हँस के देखो...
-अर्चना









22 comments:

  1. आंसुओं के कितने सारे रंग दिखा दिए तुमने अपने इन हाइकू में!! सारे एक से एक!!

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  2. मेरे जाने के बाद
    रोई क्यों तुम?...
    सच में गज़ब की होती है ये हाइकुएँ
    दल को छू लेती हैं
    मैं इसे ले जा रही हूँ..नई-पुराननी हलचल के लिये
    आप भी आइए न इसी बुधवार को मिल-बैठ कर पढ़ेंगे इसे
    सादर

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  3. वाह.... खूबसूरत हाइकु

    वादे के बाद
    मेरे जाने के बाद
    रोई क्यों तुम?...
    *******

    वादा तो किया
    पर , जाने से तेरे
    रुके न आँसू ।

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  4. बहुत ही प्रभावी अभिव्यक्ति..

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  5. रोया न करो
    मोती गिर जाते हैं
    चमकीले से

    सचमुच रुला गए
    निःशब्द करते लाइन

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  6. भावभीनी कविता, प्रेरक सन्देश!

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  7. सभी बढ़िया हाइकु हैं .

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  8. बहुत सुन्दर हाइकू . पढ़कर के अच्छा लगा

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  9. :)))
    रोई क्यों तुम?...
    isme char akshar hain.... di:-D

    waise tum lajabab ho:)

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  10. बढ़िया हाईकू!!!

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  11. वादे के बाद
    मेरे जाने के बाद
    रोई क्यों तुम?...
    *******

    वादा तो किया
    पर , जाने से तेरे
    रुके न आँसू ।
    जबरदस्‍त ...

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  12. बहुत सुन्दर
    खूबसूरत कविता जो मन को छू गई।

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  13. खूबसूरत हाइकू ...हर आँसूं का रंग निराला है

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  14. बूँदों को मिली

    पलकोंकी पालकी

    मुझे क्या मिला?..


    Very Nice..!

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  15. बेहतरीन रचना


    सादर

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  16. बहुत सुन्दर हायेकु अर्चना जी....
    बेहद प्यारे सभी .....

    सादर
    अनु

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  17. सुंदर हाइकू ।

    ये वाली

    जंग अश्को से
    नही जीती जाती कोई
    हंस के देखो ।

    बहुत सही ।

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  18. ये बात नहीं की गम नहीं ,हाँ मेरी ऑंखें नम नहीं

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