न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
वाह, सूर्य प्रकाश पकड़ा जा रहा है।
इंसान चाहे तो क्या नही कर सकता.सुन्दर गीत सुनवाया आपने.आभार,अर्चना जी.
दो आँखें बारह हाथ, मिस्टर इंडिया, और शम्मीकपूर अभिनीत गीत में जैसे मन्ना दा ने सपनों की रोटी पकाई है मन को छूती है .बहुत ही खुबसूरत चित्र आपने भी सूरज को अँगुलियों में छू नहीं लिया समेट लिया .
सूरज हुआ मद्धम!!
तस्वीरें सुंदर हैं। फोटोग्राफर कौन?
बेहद सुन्दर दृश्य है
बहुत सुंदर .....
bahut sunder tasvire hai
सुंदर ...
वाह, सूर्य प्रकाश पकड़ा जा रहा है।
ReplyDeleteइंसान चाहे तो क्या नही कर सकता.
ReplyDeleteसुन्दर गीत सुनवाया आपने.
आभार,अर्चना जी.
दो आँखें बारह हाथ, मिस्टर इंडिया, और शम्मीकपूर अभिनीत गीत में जैसे मन्ना दा ने सपनों की रोटी पकाई है मन को छूती है .बहुत ही खुबसूरत चित्र आपने भी सूरज को अँगुलियों में छू नहीं लिया समेट लिया .
ReplyDeleteसूरज हुआ मद्धम!!
ReplyDeleteतस्वीरें सुंदर हैं। फोटोग्राफर कौन?
ReplyDeleteबेहद सुन्दर दृश्य है
ReplyDeleteबहुत सुंदर .....
ReplyDeletebahut sunder tasvire hai
ReplyDeleteसुंदर ...
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