न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
खुबसूरत कहानी और उतना ही सुदर एक संघर्ष पूर्ण कहानी का वाचन कहानी को पूर्णता देती है बधाई . साथ ही दीपावली की शुभकामनाओं सहित बड़ा भाई रमाकांत सिंह
बहुत बहुत शुक्रिया अर्चना जी,आपकी आवाज़ में कहानी और निखर गयी है .
खुबसूरत कहानी और उतना ही सुदर एक संघर्ष पूर्ण कहानी का वाचन कहानी को पूर्णता देती है बधाई . साथ ही दीपावली की शुभकामनाओं सहित बड़ा भाई रमाकांत सिंह
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया अर्चना जी,
ReplyDeleteआपकी आवाज़ में कहानी और निखर गयी है .