Thursday, January 24, 2013

खिलें कुछ और..

 राकेश खंडेलवाल जी के ब्लॉग "गीत कलश" से एक रचना---

4 comments:

  1. भिन्न गति लय में सजा मधुर गीत..सुन्दर स्वर..

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  2. जो आँखों ने देख रखे हैं ...........बहुत ही सुन्दर बोल उससे भी सुन्दर गायन ने भावों को नै मिठास से परोस दिया वाह वाह मजा आ गया ....

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  3. जो आँखों ने देख रखे हैं ...........बहुत ही सुन्दर बोल उससे भी सुन्दर गायन ने भावों को नये मिठास से परोस दिया वाह वाह मजा आ गया ....

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