Wednesday, April 17, 2013

वत्सल के केमरे की नजर से - 4


एक कहानी नन्हें पंछियों की जुबानी ....

जीना तो है उसी का जिसने ये राज जाना -है काम आदमी का औरों के काम आना ...........


मैसूर के कारंजी लेक में वत्सल के साथ घूमते हुए जब एक बैंच पर बैठी तो सामने ये पंछी बैठा दिखा किसी के इंतजार में , और फिर जो देखा वही कैद किया वत्सल ने केमरे के साथ ... प्रस्तुत है आँखों देखा हाल ..... आगे लिखने की जरूरत भी कहाँ है ?.......






               

















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कितना कुछ है प्रकृति में सीखने को ....

4 comments:

  1. जीना तो है उसी का जिसने ये राज जाना -है काम आदमी का औरों के काम आना ...........बिल्‍कुल सच

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  2. यह तो बैठे बैठे चित्रकथा ही हो गयी।

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  3. सचमुच कुछ कहने की आवश्यकता ही नहीं

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  4. वाकई पूरी कहानी बन गई

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