लघुकथा-
टेक्नोलॉजी के युग में भगवान ने टेब ऑन किया , मेरा मुस्कुराता चेहरा प्रोफ़ाईल में देखकर खुश हो गए ...
मेरी वॉल पर स्टेटस लिखा- वरदान माँग...
मैंने मौके की नज़ाकत को समझा और वरदान में अन्तिम ईच्छा लिख दी - मेरी मौत की खबर या फोटो फ़ेसबुक पर शेअर न की जाए.... अगर कहीं गलती से किसी स्टेटस पर आ भी जाए तो वो आपका स्टेटस हो ... और उसे सिर्फ़ लाईक करने का ऑप्शन खुला हो ...
मेरी वॉल पर अगला स्टेटस था --- तथास्तु...
टेक्नोलॉजी के युग में भगवान ने टेब ऑन किया , मेरा मुस्कुराता चेहरा प्रोफ़ाईल में देखकर खुश हो गए ...
मेरी वॉल पर स्टेटस लिखा- वरदान माँग...
मैंने मौके की नज़ाकत को समझा और वरदान में अन्तिम ईच्छा लिख दी - मेरी मौत की खबर या फोटो फ़ेसबुक पर शेअर न की जाए.... अगर कहीं गलती से किसी स्टेटस पर आ भी जाए तो वो आपका स्टेटस हो ... और उसे सिर्फ़ लाईक करने का ऑप्शन खुला हो ...
मेरी वॉल पर अगला स्टेटस था --- तथास्तु...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बृहस्पतिवार (09-05-2013) ग्रीष्म ऋतु का प्रकोप शुरू ( चर्चा - 1239 ) में "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
खुबसूरत कामना जिसके पूर्ति के लिए मरना ज़रूरी नहीं ....
ReplyDeleteहम किसी अमंगल की चर्चा ही क्यों करें ...भगवान करे ये चश्मा उत्तल अवतलोत्तल में बदल जाये हाथ में छड़ी हो और गिनीज बुक में सबसे उम्र दराज़ ब्लोगर में नाम दर्ज हो ***कहो कैसी रहेगी****
लम्बी उम्र मिले भगवान से कामना शुभप्रभात ९ मई २०१३
बहुत रोचक एवं धारदार...
ReplyDeleterochak prastuti
ReplyDeleteबहुत बढ़िया ! आनन्द आ गया !
ReplyDeleteवाह..आनन्ददायक..तथास्तु..
ReplyDeleteतथास्तु.
ReplyDeleteरामराम.
क्या बात है !
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