Thursday, May 9, 2013

अन्तिम ईच्छा

लघुकथा-

 
टेक्नोलॉजी के युग में भगवान ने टेब ऑन किया , मेरा मुस्कुराता चेहरा प्रोफ़ाईल में देखकर खुश हो गए ...



मेरी वॉल पर स्टेटस लिखा- वरदान माँग...


मैंने मौके की नज़ाकत को समझा और वरदान में अन्तिम ईच्छा लिख दी - मेरी मौत की खबर या फोटो फ़ेसबुक पर शेअर न की जाए.... अगर कहीं गलती से किसी स्टेटस पर आ भी जाए तो वो आपका स्टेटस हो ... और उसे सिर्फ़ लाईक करने का ऑप्शन खुला हो ...



मेरी वॉल पर अगला स्टेटस था --- तथास्तु...


8 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बृहस्पतिवार (09-05-2013) ग्रीष्म ऋतु का प्रकोप शुरू ( चर्चा - 1239 ) में "मयंक का कोना" पर भी है!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. खुबसूरत कामना जिसके पूर्ति के लिए मरना ज़रूरी नहीं ....
    हम किसी अमंगल की चर्चा ही क्यों करें ...भगवान करे ये चश्मा उत्तल अवतलोत्तल में बदल जाये हाथ में छड़ी हो और गिनीज बुक में सबसे उम्र दराज़ ब्लोगर में नाम दर्ज हो ***कहो कैसी रहेगी****
    लम्बी उम्र मिले भगवान से कामना शुभप्रभात ९ मई २०१३

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  3. बहुत रोचक एवं धारदार...

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  4. बहुत बढ़िया ! आनन्द आ गया !

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  5. वाह..आनन्ददायक..तथास्तु..

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