बहुत कम लोग ऐसे होते हैं -जैसे सागर नाहर जी हैं ... मैंने जब से इन्हें जाना है ,मेरे घर के सदस्य ही लगते हैं मुझे ये ... मेरा मझले भाई राजेन्द्र जैसा स्वभाव लगता है मुझे बातचीत में ...
विनम्र, शान्त स्वभाव वाले अद्भुत प्रतिभा के धनी .... और गीतों के शौकीन ....
कई दिनों से किया वादा आज पूरा किया है उन्होंने .... मेरा दीपावली गिफ़्ट है ये ...जो मैं आप सबसे बाँट रही हूँ ...
खुद को बेसुरा कह रहे थे ,मुझसे बेसुरे तो हो ही नहीं सकते , जरा आप फ़ैसला करें ...
मुझे ये भी जानना है कि मेरा ब्लॉग छोड़कर भागने वाले कौन-कौन हैं ?....जो भविष्य में हमारी जुगलबन्दी सुनने से वन्चित होना चाहता है ... :-)
पहली बार साउंड क्लाउड की लिंक पर भी सुन सकते हैं आप --(ये भी उन्होंने ही सिखाया है )
तो इस बार दो- दो प्लेअर जैसा कि यूनुस भाई कहते हैं -"ताकि सनद रहे "
विनम्र, शान्त स्वभाव वाले अद्भुत प्रतिभा के धनी .... और गीतों के शौकीन ....
कई दिनों से किया वादा आज पूरा किया है उन्होंने .... मेरा दीपावली गिफ़्ट है ये ...जो मैं आप सबसे बाँट रही हूँ ...
खुद को बेसुरा कह रहे थे ,मुझसे बेसुरे तो हो ही नहीं सकते , जरा आप फ़ैसला करें ...
मुझे ये भी जानना है कि मेरा ब्लॉग छोड़कर भागने वाले कौन-कौन हैं ?....जो भविष्य में हमारी जुगलबन्दी सुनने से वन्चित होना चाहता है ... :-)
पहली बार साउंड क्लाउड की लिंक पर भी सुन सकते हैं आप --(ये भी उन्होंने ही सिखाया है )
तो इस बार दो- दो प्लेअर जैसा कि यूनुस भाई कहते हैं -"ताकि सनद रहे "
कृपया तुरंत आलेख का शीर्षक बदलें !!!
ReplyDeleteगायन में किसी पेशेवर गायक की सी परिपक्वता भले ही न हो, लेकिन इसे बेसुरा हम कतई नहीं कह सकते। सुर मज़बूती से अपनी पकड़ बनाए हुए हैं और स्वर 40 और 50 के दशक की सी सुगंध लिए हुए है, मुलायम, मधुर, अत्यंत कर्णप्रिय !!! मैं तानसेन तो नहीं हूं लेकिन कानसेन ज़रूर हूं!!! इसीलिए कृपया तुरंत आलेख का शीर्षक बदलें !!!
......धन्यवाद !!!
सागर ने अपने बारे में झूठ बोला है। वे बहुत अच्छा गाते हैं। सबूत है ये गाना। अब उनकी सजा है कि वे एक गाना फ़ौरन और सुनाये। :)
ReplyDeleteशिशिर जी की बात से पूर्ण सहमति।
ReplyDeleteसागर जी, आप झूठे हो
ReplyDeleteकान पकड़ कर दस उठक बैठक लगाईये और सॉरी बोलिए सबको
जब पढ़ा और आपसे हुई फोन वार्ता को याद किया तो लगा कितना हिम्मती बंदा है मगर सुन कर लगा- है तो सुर में...बेवजह घबराता था :)
ReplyDeleteअनूप शुक्ल: अब हम भी गायेंगे तो ऐसा कमेंट नहीं करोगे तो हम पक्षपात का आरोप लगाने को स्वतंत्र होंगे प्लीज :)
ReplyDeleteसागर भाई जिंदाबाद। हमारी मांग है हर रविवार को सागर भाई एक गाना पेश करें। हमारी मांग पूरी करो। वरना हम हड़ताल कर देंगे।
ReplyDeleteYunus bhai humari bhi yahi maang he :)
DeleteHadtaal me ham bhi saath hai.
DeleteSagar bhai ko sun ke muje to ab bhi vishvas nahi ho raha ki ye mere bade bhai ga rahe he ..... adbhut bahut hi karnapriya .... 50 ke dasak si aawaj aur vahi aalap ka tarika .... lagta he maano koi peshever gaayak ki aawaj ho
ReplyDeleteSagar bhai ko sun ke muje to ab bhi vishvas nahi ho raha ki ye mere bade bhai ga rahe he ..... adbhut bahut hi karnapriya .... 50 ke dasak si aawaj aur vahi aalap ka tarika .... lagta he maano koi peshever gaayak ki aawaj ho
ReplyDeleteSagar bhai ko sun ke muje to ab bhi vishvas nahi ho raha ki ye mere bade bhai ga rahe he ..... adbhut bahut hi karnapriya .... 50 ke dasak si aawaj aur vahi aalap ka tarika .... lagta he maano koi peshever gaayak ki aawaj ho
ReplyDelete@अनूप शुक्ला (भाई सा.) सोच लें, कहीं ऐसा ना हो कि अगला गाना सुन कर यह महसूस करें कि सजा तो मुझेमिल रही है। :)
ReplyDelete@पाबला साहब @अनुराग शर्मा सर
@शिशिर भाई सा. @समीर भाई साहब,
@यूनुस भाई @ बसन्त @ दिलईप भाई सा.
आप सभी मित्रों को उत्साह वर्धन करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
अर्चना जी का भी बहुत बहुत धन्यवाद कि उन्होने अपने ब्लॉग पर मेरे गाने को जगह दी।
ReplyDeleteसुनने में कर्ण प्रिय तो है ही सागरजी की आवाज़ बेसुरी कहना तो सरासर गलत भी है |@अर्चना चाव् जी को आभार जिनकी जिद ने हमें सागरजी की इस खूबी से भी परिचित करवा दिया |@शिशिरजी और अनूपजी की मांग का समर्थन मैं भी करती हूँ |और आप दोनों के अगले युगल गीत का बेसब्री से इंतजार भी |
ReplyDeleteहे भगवान, अब आफिस मे हेडफोन कहां से लाऊं
ReplyDeleteवाह-वाह आपने तो सागर भाई से गवा ही डाला। इतने सालों में पहली बार सुना उनका गाना।
ReplyDeletebahut achcha laga......
ReplyDelete@शिशिर जी - आलेख का शीर्षक बदल दिया है,
ReplyDelete@अनूप जी - वे बहुत अच्छा गाते हैं ये तो वे अब भी नहीं मानते...लेकिन इसकी सजा तो दी ही जायेगी .. :-) और समीर जी से सावधान !
@अनुराग जी - आपकी इच्छा भी पूरी कर दी ..
@वीर जी - जब तक अगला गीत नही आता उठक-बैठक करवाते रहना है..:-)
@समीर जी - फोन वार्ता भी ऐतिहासिक थी ...:-)अनूप जी को सावधान कर दिया है :-P
@यूनुस जी,बसन्त जी,दिलीप जी,मन की पाती,शोएब जी, और श्रीश जी.... आप सभी का ब्लॉग तक आने के लिए आभार ...
कोशिश रहेगी कि युगल गीत सुना सकूँ .... :-)
धन्यवाद अर्चना जी, महज़ एक नए शब्द ने शीर्षक की ख़ूबसूरती को बहुगुणित ही नहीं किया, नया अर्थ भी दे दिया। इजाज़त दें तो एक फ़रमाईश करना चाहूंगा, 'कितना हसीं है मौसम...' सुनने की तमन्ना बलवती होती जा रही है...!!!
ReplyDelete...सुन रहे हैं सागर जी ??? :)
सच में सागर जी के लिए यही शीर्षक बेहतर हुआ है .... आपका आभार सुझाव के लिए शिशिर जी .... :-) और उत्साह वर्धन के लिए भी ...
ReplyDeleteगीत की फ़रमाईश सागर जी तक पहुंचा दूंगी ...... इस गीत को लाने में तीन साल लग गए हैं .... :-)
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ReplyDeleteतारीफ़ों के ऐसे विशाल बोझ तले दबा भला कौन इंसान ऐसा होगा जो बारंबार न गाना चाहे? और वो भी तब जब प्रशंसकों की मंशा पर शक़ की ज़रा भी गुंजाईश न हो?...तब भले ही 3 साल लगे हों सागर जी को, लेकिन आप अब कहकर देखिए, हालांकि हमारी बात भी पहुंच ही रही होगी उनके कानों तक...!!!
ReplyDeleteशीर्षक को भी इस बार निर्णायक रूप से बदल देना होगा, एक नए विशेषण "सुरीले" के साथ !!!
सागर जी, "कितना हसीं है मौसम....." !!! और ख़्याल रखिए, अभी ये शुरूआतभर है !!!
एक बार फ़िर से सुझाव स्वीकॄत किया जाता है आपका शिशिर जी .... :-)
ReplyDelete"एक शर्मीले गायक का सुरीला गायन" ...
श्रेष्ठ !!! धन्यवाद अर्चना जी ! बस अब प्रतीक्षा है तो गीतों के अगले पायदान की !!!
ReplyDeleteकाश यहाँ भी फेसबुक की तरह Like का बटन होता।
ReplyDeleteवैसे आप यहाँ रिप्लाई का बटन लगा सकती हैं। जिससे अलग अलग टिप्पणियों को अलग अलग जवाब दिया जा सके।
फ़िर से सुना आज। अपनी बात पर कायम हूं। सागर को फ़ौरन दूसरा गाना गा के डाल देना चाहिये।
ReplyDeleteare wah ..sagar ji aap to bahut badiya gate hai ....ekdam shant surili awaj ...low beat ke geeton me loud hone ka khatra jyada hota hai ..par aapki awaz ekdam controlled hai ..
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