न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
रिश्ते निभाना /चोटें सहलाना बड़ा आसान होता है मगर बस! इनको निभाने/सहलाने को एक आँचल होना चाहिए....
No comments:
Post a Comment