Tuesday, November 25, 2014

न.... कुछ न कहना ...

साथ हो तुम पर पास नहीं
दूर सही..पर उदास नहीं.....
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तीस साला सफर की बधाई.......!
मुझे भी.......

न ........कुछ न कहना ...!
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फिर निकल भागा फिसलकर एक और साल
मायरा की करते -करते देखभाल ......

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समय को पंख लग गए,
ठहरा वक्त दौड़ पड़ा,
और अब नियति को रोकना
काल के बस में नहीं ......
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घड़ियां बीत ही जाएंगी
कुछ दुःख और कुछ सुख की
इन्तजार करना पहले की तरह
मगर हाँ, चुप ही रहना .....
न..... कुछ न कहना .......

(वत्सल के पहले क्लिक के साथ)
-अर्चना

2 comments:

  1. नमन
    सामर्थ्य शक्ति एवम साहस। की त्रिवेणी को नमन
    है न मायरा

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