Wednesday, January 21, 2015

नाजुक चंचल है- गिरिजा कुलश्रेष्ठ जी का गीत





आदरणीय गिरिजा कुलश्रेष्ठ जी को कौन नहीं जानता ...बच्चों से बेहद प्यार करने वाली दी ने आप सबकी चहेती लाड़ो "मायरा"के लिए एक गीत भेजा है ,जो उन्होंने कभी अपनी पोती के लिए लिखा था .....
सुनिए / डाउनलोड करिये यहाँ से  -



या यहाँ से -

Music File Hosting - Download Audio - Balgeet - Girija di

.....इसे आप मायरा के ब्लॉग "नानी की बेटी" पर भी पढ़ सकते हैं.

5 comments:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 22-01-2015 को चर्चा मंच पर चर्चा - 1866 में दिया गया है
    धन्यवाद

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  2. अब मैं क्या कहूँ... मेरे लिये तो ये घर की बात हो गयी है... बड़ी बहन का लिखा गीत और छोटी बहन का गया... दीदी ने मान्या के लिये लिखा ये गीत जब वो सिर्फ चार महीने की थी और अर्चना ने यह गीत मायरा के लिये गाया जब वो नौ महीने की है. बस यही कहूँगा कि गीत के बोलों का भोलापन, तुम्हारे गायन की मासूमियत में पूरी तरह ढल गया है! ममता से ओतप्रोत!! बहुत सुन्दर!

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  3. मान्या से मायरा तक पहुंचकर गीत और भी सार्थक व व्यापक होगया .बहन अर्चना के स्नेह व् उत्साह के लिए धन्यवाद या प्रशंसा बहुत ही व्यर्थ से शब्द है .

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  4. शब्द और स्वर ... जब दोनों दिग्गज का संगम हो तो कमाल होना ही है ...

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  5. शब्द और स्वर ...का अनुपम संगम ॥वाह!

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