न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
बहुत सुन्दर
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 8-2-2015 को चर्चा मंच पर चर्चा - 1883 में दिया जाएगा धन्यवाद
बहुत ही सुंदर रचना... धन्यवाद..मेरे ब्लॉग पर आप सभी लोगो का हार्दिक स्वागत है.
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 8-2-2015 को चर्चा मंच पर चर्चा - 1883 में दिया जाएगा
ReplyDeleteधन्यवाद
बहुत ही सुंदर रचना... धन्यवाद..
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