Tuesday, April 28, 2015

नन्हे-नन्हे मोती यूँ न खो




हर हाल में हम सुखों को बाँटें,
करें दुखों का मिलकर दमन।
जीवन जिसने दिया है हमको,
उस विधाता को हमारा नमन।


सुखों का मौसम,दुखों का मौसम,
आए, आकर जाए।
हर एक के, मन के आँगन में,
सपनों को बिखराए।


सुख आते तो, खिलती पाँखें,
खुशी-खुशी सब मुस्काते।
चेहरे सबके खिले-खिले से,
मिलजुलकर सब हँसते-गाते।


दुख आते तो सब घबराते,
सही काम न एक, कर पाते।
गीली होती, सबकी आँखें,
डर कर सब रोते-चिल्लाते।


होना है जो, होकर रहता,
नहीं किसी के टाले टलता।
हिम्मत से जो दुख: से लड़ते
जीत उसी की,सभी ये कहते।


हर हाल में हम सुखों को बाँटें,
करें दुखों का मिलकर दमन।
जीवन जिसने दिया है हमको,
उस विधाता को हमारा नमन।
-अर्चना

2 comments:

  1. सुख दुःख की लीला का बढ़िया वर्णन।
    सुन्दर रचना आदरणीया।

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