न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
Posted by असित कुमार मिश्र on Saturday, October 12, 2013
बहुत बढ़िया चुनाव!
बहुत बढ़िया चुनाव!
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