जब भी हल्का-फुल्का नाश्ता खाने का मन हो ...फटाफट बना लें लौकी या दूधी के मुठिए ....
सबसे पहले लौकी के टुकड़े कर कीस लें ...कद्दूकस से ....:)इसमें हरीमिर्ची (कूट के ) जीरा, हींग ,नमक,हल्दी और चाहें तो तिल स्वादानुसार मिला लें
गेहूं के मोटे आटे को सूखा ही सेक लें
अब लौकी के कीस में आटे को बाँध लें ....मुठ्ठियों में दबाते हुए गोले बना लें
कढ़ाई में या मोटे पेंदे के तपेले में थोडा तेल डालकर राई तडकाएं और मुठिए छोड़ दें....
कुछ समय तक दहकते,उलटते,पलटते सेंक लें
हरी मिर्च धनिया की चटनी,अचार, या सॉस के साथ खाएं .......
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बृहस्पतिवार (22-10-2015) को "हे कलम ,पराजित मत होना" (चर्चा अंक-2137) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
विजयादशमी (दशहरा) की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'