1- यूनुस खान
हम तो आवाज़ हैं दीवारों से छन जाते हैं।
2- उन्मुक्त
मुक्त विचारों का संगम, कभी खुशी कभी ग़म
3- काजल कुमार
मुझे कार्टूनिंग के अलावा कुछ नहीं आता...
4- डॉ. अनुराग आर्य
घुस जाऊ...लिहाफ़ उठा कर जिस्म का
ओर झन्झोड डालूं इस मुई रूह को..
5- अजित वडनेरकर
कोस कोस पर बदले पानी, चार कोस पर बानी
हम तो आवाज़ हैं दीवारों से छन जाते हैं।
2- उन्मुक्त
मुक्त विचारों का संगम, कभी खुशी कभी ग़म
3- काजल कुमार
मुझे कार्टूनिंग के अलावा कुछ नहीं आता...
4- डॉ. अनुराग आर्य
घुस जाऊ...लिहाफ़ उठा कर जिस्म का
ओर झन्झोड डालूं इस मुई रूह को..
...
खोया हुआ जमीर बड़ी मुश्किल से मिलता है !
खोया हुआ जमीर बड़ी मुश्किल से मिलता है !
5- अजित वडनेरकर
कोस कोस पर बदले पानी, चार कोस पर बानी
:-)
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