आज के दिन हुई थी वो खतरनाक दुर्घटना ...सिर्फ लोगों से सुना जिसके बारे में ......कल्पना से परे कोई बात घटती है तो मन पर गहरा असर करती है.... लाख समझाऊँ खुद को पर सच तो ये है की हूबहू वही सब फिर याद आता है,आँखों के सामने घटता है .......नहीं भुलाए जा सकते कुछ लोग ,कुछ रिश्ते ........
हादसे होना मनुष्य जीवन की समान्य घटना है...
चाहे जितने दे ले गम
बड़े प्यार से झेलें हम
दिया है तूने इतना दम
हिम्मत होगी कभी न कम
उजली राहें ढ़क दे तम
पग पग चलते निकलेंगे हम
गिरती बूंदें गई हैं थम
भले ही पलकें अब भी नम
मिलने आए हमसे "यम"
मिलकर हममे गये हैं रम
चाहे जितने दे ले गम
बड़े प्यार से झेलें हम
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चाय का शौक और हँसी अब भी बरकरार है ...... नो शिकायत ...
हादसे होना मनुष्य जीवन की समान्य घटना है...
चाहे जितने दे ले गम
बड़े प्यार से झेलें हम
दिया है तूने इतना दम
हिम्मत होगी कभी न कम
उजली राहें ढ़क दे तम
पग पग चलते निकलेंगे हम
गिरती बूंदें गई हैं थम
भले ही पलकें अब भी नम
मिलने आए हमसे "यम"
मिलकर हममे गये हैं रम
चाहे जितने दे ले गम
बड़े प्यार से झेलें हम
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चाय का शौक और हँसी अब भी बरकरार है ...... नो शिकायत ...
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " डिग्री का अटेस्टेशन - ब्लॉग बुलेटिन “ , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteईश्वर क्या करता है, क्यों करता है, समझ नहीं सकते! :( दर्द शायद बांटा नहीं जा सकता लेकिन समझने का प्रयास किया जा सकता है.
ReplyDeleteबहुत सुंदर सकारात्मक रचना
ReplyDeleteबहुत सुंदर सकारात्मक रचना
ReplyDeleteबहुत सुंदर ..
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