न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
बहुत आनंद आया प्रवीण शा जी की रचनाओं का पाडकास्ट सुनकर, आभार.रामराम#हिन्दी_ब्लॉगिंग
Archna Ji aap ki aawaaz aur sunane ka andaaz bahut badhiya hai...waah
आभार
...अति सुन्दरआभार आपका।...
वाह!!
बहुत आनंद आया प्रवीण शा जी की रचनाओं का पाडकास्ट सुनकर, आभार.
ReplyDeleteरामराम
#हिन्दी_ब्लॉगिंग
Archna Ji aap ki aawaaz aur sunane ka andaaz bahut badhiya hai...waah
ReplyDeleteआभार
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अति सुन्दर
आभार आपका।
...
वाह!!
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