न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
एक शानदार व्यंग को आपने बहुत ही सुंदर वाणी में सुनाया, आभार और शुभकामनाएं.रामराम#हिन्दी_ब्लॉगिंग
एक शानदार व्यंग को आपने बहुत ही सुंदर वाणी में सुनाया, आभार और शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम
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