Sunday, August 13, 2017

छेड़छाड़ का चरमानंद

छेड़छाड़ शब्द भ्रष्टाचार मोहल्ले की गड़बड़ की बिरादरी का है,मतलब इधर-उधर की गली में रहने वाला कह सकते हैं, प्रथमदृष्टया पढ़ने पर लड़के द्वारा लड़की को छेड़ना ही दिमाग में आता है क्योंकि सबसे ज्यादा प्रचलन यानि प्रचार इसी के द्वारा हुआ,परंतु परेशान करने से ज्यादा हेरफेर होती है क्या इस शब्द से... जाँच का विषय हो सकता है ...
हेरफेर को समझें जाँच से -यदि कोई व्यक्ति अपनी जाँच किसी पैथोलॉजी में करवाता है और उसके दिए नमूने से छेड़छाड़ हो गई तो समझो अच्छा खासा व्यक्ति भी केंसर का बीमार घोषित हो सकता है ये तो हुई सिर्फ डॉक्टरी पेशे की बात यदि वकालात का पेशा हो तो फाइलों के साथ छेड़छाड़ भले आदमी को सलाखों के पीछे पहुँचा सकती है,यदि शिक्षा जगत की बात हो तो आप बिना पढ़े कई डिग्रियों के स्वामी बन सकते हैं सिर्फ छेड़छाड़ करवा के अपनी उत्तरपुस्तिकाओं में ....😊
आजकल और आगे बढ़ गया है साइंस -आप डी एन ए रिपोर्ट तक से छेड़छाड़ करवा कर किसी के पुत्र साबित हो सकते हैं या जिम्मेदारी से मुक्त हो सकते हैं ...
आजकल लेखन में छेड़छाड़ भी चरम पर देखने को मिलती है,किसी के लिखे की पंक्तियों में छेड़छाड़ कर खुद को लेखक साबित करने लगे हैं लोग और तो और अब हाथ का लिखा तो इतिहास की गर्त में समाने लगा है, कॉपी पेस्ट के जमाने में छेड़छाड़ को आसान राह मिल गई तो चरम के भी चरमानंद को प्राप्त करने की होड़ मची है ...

8 comments:

  1. वाह पोस्ट पर क्या बात छेड़ दी आपने दीदी | रोचक

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  2. bahut sahi chedchaad rahi ye bhi

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  3. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, डॉ॰ विक्रम साराभाई की ९८ वीं जयंती “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  4. Copy paste is easy. But sharing is much easier.

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  5. छेड़छाड़ का चरमानंद वाह....

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