बच्चा छोटा हो तो सबसे पहले बोलने की कोशिश में म के बाद ब शब्द ही बोलता है,म से मां, मामा आगे बढ़ता है,और ब से बा और बाबा ... तब बाबा घरेलू न्याय किया करते थे ...
मामा से डर नहीं लगता मगर बाबा शुरू से डराने की कैटेगरी में शामिल हो जाते हैं ...
बाबा .....साधू बाबा ..को देख देख कर बड़े होते हुए हम अब ...स्वतंत्र लोकतंत्र में लोकतांत्रिक बाबा से डरने लगे हैं ...डरें भी क्यों नहीं ..बड़ी साधना करते हैं ये साधन जुटाने में ......
.इनके दिन ब दिन कारनामें,चमत्कार से कोई काम होते हैं क्या? किसी को अंदर-बाहर करते करते किसी को कब गायब कर देते हैं कोई कभी जान नहीं पाया अब तक .....इनका पावर सदा बढ़ता हुआ ही प्रतीत होता है ...जितने भी पुराने बाबा होते जाते हैं अपने चेले चपाटों को अपनी थोड़ी थोड़ी पावर बाँटते रहते हैं ,हालांकि ये भी उतना ही सच है कि यही चेले चपाटे एक दिन अपने बाबा को रौंदते हुए ऊपर कूच कर जाते हैं फिर अंत बड़ा दर्दीला हो जाता रहा है ऐसे लोकतांत्रिक बाबाओं का ....
राम भरोसे रहने वाले इन बाबाओं के नामों में कभी राम आगे तो कभी पीछे जुड़ा रहता है कभी कभी राम अपने साथी रहीम को भी जोड़ लेते हैं कभी देव को ...लोगों को ये राम राम करवाते रहते हैं जाने कितने अपनी रामरोटी इनके भरोसे सेकते हैं ....आशा रहती है राम सब भला करेंगे पर न आशा बचती न आशाराम ...रोटी सेकते हुए ....
फिर लोकतंत्र में जो जाने लोक के तंत्र का मंत्र वो बाबाओं की अलग केटेगरी को प्राप्त कर लेता है यानि मंत्री कहलाता है ...इनके दिमागी फितूर भी बाबाओं से बीसा ही होते हैं .... अब लोकतांत्रिक बाबाओं का जमाना आ गया है ....न राम रहे न रहीम न कोई साधू न बापू.....
न न्याय न न्यायपालिका,न साध्वी न साधिका ....
अब बचा है बस डर जनता के दिल में ....
लोकतंत्र भी लोकतांत्रिक बाबाओं की चपेट में हैं .....
हम भी जपें या कहें राम राम ,आप भी जपें या कहें राम-राम ....
#व्यंग्यकीजुगलबन्दी
न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (10-04-2017) को "छूना है मुझे चाँद को" (चर्चा अंक-2936) पर भी होगी।
ReplyDelete--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
Ram Rahim bhi apne punya khata lekar jail mai band hain.pata nahi bhagvan in baba logo ki sun raha hai nahi to chulu bhar pani hi bahut hai doob jane ke liyay. Jai ho India!!
ReplyDeleteकब क्या कर दे बाबा लोग कोई नहीं जानता, बाबागिरी बहुत हो गयी इसलिए राजनीति गिरी पर उतर आये हैं बाबा लोग इसलिए बोलना ही पड़ेगा जी "जय श्री राम, जय श्री राम"
ReplyDeleteबहुत खूब
In babaon se bachke rahne men hi samajhdari hai.
ReplyDeleteShayad ye bhi Aapko pasand aayen- Prevention of thermal pollution , Images of acid rain
inn babawo or peer fakiro sbach k rhne ki jaurat h
ReplyDeleteYou may like - Pixabay Mobile App – Find Free Images for your Blog