"Mam aap humare. Liye fighter example haai"
1998 में वार्डन थी,2000 तक ...अगर इतने साल बाद भी कोई अच्छे काम याद करे तो जीवन का उद्देश्य सार्थक होता लगता है।
2 दिन पहले फेसबुक मैसेंजर पर अचानक पुराने विद्यार्थी ने याद करते हुए लिखा था ,बातचीत में आगे ये भी -
Mei kai baar apni wife ko bolta Be strong
Humari warden thi
Unke jaisa bano
Kal ko kuch ho jaaye mujhe to
Unka example. Leke badna
Harna nahi
- हाँ, कई बार हारते हारते बची ... जैसे आज आपके इन शब्दों ने फिर ऊर्जा भर दी 👍👍👍
अच्छा लगता है, ईश्वर न जाने किस-किस रूप में हम पर नज़र रखे हुए है,निराशा में आशा की किरण दिखाने के लिए मयूर की आभारी हूँ ।
https://www.facebook.com/mayur.bhawsar.52
तुम हो ही ऐसी . उजाला हो जाने कितनी आंखों का
ReplyDeleteजन्म दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएँ
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