मुझे उसका नाम याद नहीं आ रहा पर उसकी याद बहुत आ रही है ........जब शादी होकर गई तो वो दौड़कर घर की चाबी लेकर आया था कोई 14-15 साल का लड़का था ..
.लालमाटिया कोयला केम्प में चार बजे पत्थर कोयले की सिगड़ी जलने रखता और आधे घंटे बाद लाईन से एक-एक के घर में पहुंचाता ......
एक ही सिगड़ी पर 5-6घर का शाम का खाना बारी बारी सब बना लेते .....सभी वर्ग के घर थे .....साहब-मजदूर..... अमीर-गरीब, शाकाहारी -मांसाहारी .......
हाँ लेकिन पहले शाकाहारियों के घर सिगड़ी जाती,फिर मांसाहारियों के घर......
और इसके बदले वो किसी एक घर में खाना खाता............
मुझे पत्थर कोयला जलाना नहीं आता सुनकर बहुत हँसा था......
अनवरत कहानी का एक टुकड़ा ....
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज मंगलवार 05 नवम्बर 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteचाहूँ मैं या ना गीत
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteThanks For Sharing Useful Article
ReplyDeleteI am Reading Daily Your New Article
You Can Also Read About Jio Phone Whatsapp Download Link And Install Kaise Kare 2020
आपको लिखते रहना चाहिए, मुझपे भरोसा कीजिए
ReplyDeleteहिंदी लिरिक्स
For hindi translation of punjabi songs visit - Mano Lath Na Jayi Lyrics Meaning In Hindi
ReplyDeletevisit for lyrics
ReplyDeleteThanks For Sharing Useful Article.
ReplyDeleteclick here
बहुत khoob
ReplyDelete