शादी की नवीं वर्षगांठ पर शुभकामनाएं
कभी मेरे आँगन उतरते हो तुम
तो कभी तुम्हारे आँगन में मैंचुगते हैं दाना
चहचहाते हैं खुशी से...
कभी मेरे संग खिलते हो तुम
तो कभी तुम्हारे संग में मैं
महकाते हैं चमन
खो जाते हैं एक -दूजे में...
मैं जो साथ न पाउँ तुम्हारा
या कभी तुम न पाओ मेरा
तो हमेशा अधूरे रहोगे तुम
और तुम्हारे बिना मैं...
आँख से जब मैं कहूँ
दिल से तुम्हें सुनना होगा
एहसासों के तागों से
प्रेम का डोरी बुनना होगा...
- अर्चना
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